सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

साल का आखिरी चंद्र ग्रहण आज, इन चीजों से बचकर रहे डॉ मनीष गौतम गर्भवती महिलाएं इन बातों का रखें ध्यान

 साल का आखिरी चंद्र ग्रहण आज,  इन चीजों से बचकर रहे डॉ मनीष गौतम गर्भवती महिलाएं इन बातों का रखें ध्यान साल का आखिरी और दूसरा चंद्र ग्रहण 28 और 29 अक्टूबर की मध्य रात्रि को लगने वाला है। इसके साथ ही इस दिन शरद पूर्णिमा भी पड़ रही है। ज्योतिष शास्त्र में चंद्र ग्रहण काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन चंद्र ग्रहण आंशिक होगा, जो भारत में भी नजर आने वाला है। 29 अक्टूबर की रात 1 बजकर 5 मिनट से शुरू होकर 2 बजकर 24 मिनट पर खत्म होगा। ग्रहण का आरंभ मध्य रात्रि 1 बजकर 5 मिनट, मध्य 1 बजकर 44 मिनट और ग्रहण का मोक्ष 2 बजकर 40 मिनट पर होगा। इस हिसाब से सूतक काल 9 घंटे पहले शुरू हो जाएगा। इसलिए 28 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 52 मिनट से सूतक काल आरंभ हो जाएगी। शास्त्रों के अनुसार, माना जाता है कि चंद्र ग्रहण के समय शुभ और मांगलिक कामों को करने की मनाही होती है। इसके साथ ही कुछ नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है। जानिए चंद्र ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या नहीं। गर्भवती महिलाएं ध्यान रखें ये बातें माना जाता है कि गर्भवती महिलाओं को सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। मां और गर्भस्...

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव हेतु भाजपा ने उम्मीदवारों की पांचवी सूची कि जारी...

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव हेतु भाजपा ने उम्मीदवारों की पांचवी सूची कि जारी... *रीवा जिले के सेमरिया- विधानसभा सीट से के.पी. त्रिपाठी,* *गुढ़-* से नागेंद्र सिंह, *त्यौंथर-* से सिद्धार्थ तिवारी राज, *मंनगवा-* से नरेंद्र प्रजापति को चुनाव मैदान में उतारा गया है, सतना जिले के.... *अमरपाटन-* से रामखेलावन पटेल, *रैगाँव-* से प्रतिमा बागरी को उम्मीदवार बनाया गया है, *नागौद-* से नागेन्द्र सिंह को उम्मीदवार बनाया गया है।

*अभी और हिलेगा कांग्रेस का सिंहासन!*

 अतीत गौतम *अभी और हिलेगा कांग्रेस का सिंहासन!* *रीवा से सिद्धार्थ तिवारी के समर्थन में उतरे कई कांग्रेसी पार्षद, इनके पीछे जाएंगे कई कार्यकर्ता* रीवा। मध्य प्रदेश में चुनावी सरगर्मियों के बीच नेताओं के दल बदलने का दौर शुरु है, जिसके चलते राजनीतिक उथल पुथल मची हुई है। हाल ही में रीवा के कद्दावर नेता और व्हाइट टाइगर पंडित श्रीनिवास तिवारी के पोते और कांग्रेस विधायक स्व. सुंदर लाल तिवारी के बेटे सिद्धार्थ तिवारी ने कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी का दामन थामा था। अब सिद्धार्थ तिवारी के बीजेपी में शामिल होते ही रीवा के राजनीति में बडा सा भूचाल आ गया और कांग्रेस की मुश्किलें काफी बढ गई हैं। फिलहाल कांग्रेस कार्यकर्ता अब सिद्धार्थ तिवारी के समर्थन में उतरे हैं और कांग्रेस छोड़ने का मन बना रहे हैं।  *पार्षद समेत सैंकड़ों कांग्रेसी ले सकते है बीजेपी की सदस्यता* कांग्रेस नेता सिद्धार्थ तिवारी के बीजेपी में जाते ही कांग्रेस की मुश्किलें और भी बढ़ गई, इसका सीधा फायदा बीजेपी को मिलता दिखाई दे रहा है। सिद्धार्थ तिवारी के बीजेपी में शमिल होने से ठीक बाद तिवारी के समर्थक और वार्ड क्रमांक 26 क...

सिद्धार्थ तिवारी हुए बीजेपी के

 सिद्धार्थ तिवारी हुए बीजेपी के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष स्व.श्रीनिवास तिवारी के पौत्र सिद्धार्थ तिवारी राज ने आज भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली है।वे कांग्रेस पार्टी से त्योंथर से टिकट मांग रहे थे लेकिन पार्टी ने दूसरे व्यक्ति को उम्मीदवार बना दिया।भाजपा इन्हें त्योंथर से अपना उम्मीदवार बना सकती है।
 आज है रवि पुष्य योग करें खरीददारी पितर भी देंगे आशीर्वाद आज रवि पुष्य योग में खरीदारी करने से पितर भी अति प्रसन्न होते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं । 

पितृ पक्ष में भागवत कथा सुनने से पितरों को मिलती है शांति

 पितृ पक्ष में भागवत कथा सुनने से पितरों को मिलती है शांति : डा. मनीष गौतम   इन दिनों पितृ पक्ष के दौरान लोग अपने पितरों को याद करते हुए तर्पण व श्राद्ध कर रहे हैं। शहर के घाटों सहित घरों में श्रद्धा के साथ पितरों के प्रति लोग कृतज्ञता प्रकट कर रहे हैं। प्राचीन काल से पितृपक्ष के दौरान श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करने की परंपरा रही है। उन्होंने कहा की पितृ पक्ष में कथा का श्रवण करने से पितरों को शांति मिलती है वहीं यह उनके परिवार के लिए पुण्यदायी भी रहती है। उन्होंने कहा कि श्रद्घा भाव से पितरों के पूजन तर्पण से मानव को सुख समृद्घि की प्राप्ति होती है। मनुष्य देवच, पितृ तथा ऋषि ऋणि होता है,भागवत सुनने से उन्हें इन ऋणों से मुक्ति मिल जाती है। मातृ पितरों के उद्देश्य से जो अपने प्रिय भोग्य पदार्थ श्रद्धा में प्रदान किए जाते हैं, उसी अनुष्ठान का नाम श्राद्ध है।लोग कहते हैं कि मनुष्य धर्म और समाज के रूढ़िवाद से ऊपर उठकर आज आगे बढ़ गया है।

पितृपक्ष में इन कामों से बचे नहीं तो पितृ हो जाएंगे नाराज

 पितृपक्ष में इन कामों से बचे नहीं तो पितृ हो जाएंगे नाराज डा. मनीष गौतम पितृ पक्ष को श्राद्ध पक्ष के नाम से भी जाना जाता है. भाद्रपद पूर्णिमा से पितृपक्ष शुरू हो जाता है जो 16 दिनों तक आश्विन अमावस्या के दिन तक चलता है. इस साल पितृ पक्ष  की शुरुआत 29 सितंबर, शुक्रवार से होने जा रही है और इसका समापन 14 अक्टूबर को होगा. पितृ पक्ष की अवधि में पूर्वजों के निमित्त पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध कर्म किए जाते हैं. धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है. जिससे वे प्रसन्न होते हैं. कहा जाता है कि पितरों के प्रसन्न होने से वंशजों का भी कल्याण होता है. पितर पक्ष को लेकर मान्यता है कि इस दौरान पितर कौवे के रूप में धरती पर पधारते हैं. इस दौरान कुछ काम करने की मनाही होती है. तो चलिए जानते हैं पितृ पक्ष में क्या नहीं करना चाहिए.  क्या नहीं करें पितृ पक्ष के दौरान 1. प्याज लहसुन- पितृ पक्ष के दौरान पिंडदान, तर्पण या श्राद्ध कर्म करते हैं. इसके अलावा अगर संभव हो सके तो इस दौरान लहसुन और प्याज का सेवन भी नहीं करना चाहिए.  2. मांस- पितृपक्ष के दौरान मांसाहारी ...