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सावन में रुद्राभिषेक से मिलते हैं चमत्कारी लाभ

 सावन में रुद्राभिषेक से मिलते हैं चमत्कारी लाभ  सावन महीने में रुद्राभिषेक कराना बहुत फलदायी माना जाता है.  सावन महीने की शुरुआत हो गई है. सावन महीने में हिंदू धर्म के लोग घर पर या शिवालयों में रुद्राभिषेक कराते हैं. ऐसी मान्यता हैं कि सावन के महीने भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने से सारे दुख नष्ट हो जाते हैं और हमें लाइफ में मनचाही सफलता मिलती है. ज्योतिष मर्मज्ञ श्रीनाथ प्रपन्नाचार्य की मानें तो अलग-अलग कामनाओं के लिए अलग-अलग पूजन सामग्री के साथ भगवान भोले शंकर का रुद्राभिषेक किया जाता है. यदि आपकी भी कोई ऐसी कामना है जिसकी पूर्ति के लिए आप सावन में रुद्राभिषेक कराना चाहते हैं. तो आइए जानते हैं सावन में कब और किस विधि से करें रुद्राभिषेक और क्या है इसका महत्व.ऐसे तो सावन महीने में किसी भी दिन रुद्राभिषेक कराना फलदायी होता है, लेकिन सावन माह में पड़ने वाले सोमवार, शुक्रवार और प्रदोष के दिन रुद्राभिषेक कराना विशेष फलदायी होता है. ज्योतिष की मानें तो अलग-अलग समस्याओं के निवारण और अलग-अलग कामनाओं की पूर्ति के लिए अलग-अलग द्रव्यों से शिवलिंग पर अभिषेक किया जाता है. आइए जानते ...

भक्तों की नैया भोलेनाथ लगाएंगे पार इस सावन डॉ मनीष गौतम

 भक्तों की नैया भोलेनाथ लगाएंगे पार इस सावन डॉ मनीष गौतम 14 जुलाई से सावन का महीना प्रारंभ हो चुका है। सावन के महीने में शिव पूजा के लिए कुछ नियम बताए गए हैं जिसका पालन जरूर करना चाहिए। आज से सावन का पवित्र महीना आरंभ हो गया है। भगवान शिव की आराधना के लिए सावन का महीना बहुत ही विशेष माना गया है। 14 जुलाई से सावन शुरू होकर 12 अगस्त तक रहेगा। सावन माह में भगवान शिव का जलाभिषेक,पूजा-पाठ और आराधना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। इस बार सावन माह में कुल मिलाकर 8 दिन रवि योग और 7 दिन सर्वार्थसिद्धि योग बनेगा। वहीं सावन के महीने में इस बार चार सोमवार व्रत रखे जाएंगे। सावन का महीना हिंदुओं के लिए बहुत ही पवित्र महीना होता है। पूरे सावन के महीने में भगवान शिव के भक्त सच्चे मन और लगन के साथ शिव भक्ति में लीन रहते हैं। सावन के महीने में दिन की शुरुआत भोलेभंडारी के जलाभिषेक और विशेष पूजा-अर्चना के साथ होती है। शिव मंदिरों में भारी संख्या में लोग एकत्रित होकर बोल बम के जयकारे लगाते हुए शिव आराधना करते हैं। इस बार सावन का महीना कुल मिलाकर 29 दिन का रहेगा। 14 जुलाई से शुरू होने वाले सावन मह...

*रीवा जिला पंचायत वार्ड क्रमांक 27 के कांग्रेस प्रत्याशी पद्मेश गौतम की हुई जीत...* *भाई ने भाई को हराया, प्रतिद्वंदी भाजपा से प्रत्याशी रहें राहुल गौतम चारो खाने हुए चिट ..* रीवा जिला पंचायत के वार्ड क्रमांक- 27 में हुई कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी की बड़ी जीत, जीत के बाद लगे नारे,

मनीष गौतम *रीवा जिला पंचायत वार्ड क्रमांक 27 के कांग्रेस प्रत्याशी पद्मेश गौतम की हुई जीत...* *भाई ने भाई को हराया, प्रतिद्वंदी भाजपा से प्रत्याशी रहें राहुल गौतम चारो खाने हुए चिट ..* रीवा जिला पंचायत के वार्ड क्रमांक- 27 में हुई कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी की बड़ी जीत, जीत के बाद लगे नारे,  वही जिसने बोट नही दिया उन्हें उरहट लाओ, गाड़िया ले जाओ, भर कर लाओ , इस सीट पर रीवा से भोपाल तक कि थी नजर, विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के पुत्र राहुल गौतम की हुई करारी हार, यह परिणाम तय करेगा अब भविष्य की राजनीति l

*मध्य प्रदेश में उज्जैन की 21 वर्षीय लक्षिका डागर मध्य प्रदेश की सबसे कम उम्र की सरपंच बनीं।*

Manish gautam rewa *मध्य प्रदेश में उज्जैन की 21 वर्षीय लक्षिका डागर मध्य प्रदेश की सबसे कम उम्र की सरपंच बनीं।* सरपंच बनने के बाद लक्षिका ने कहा, "मैं सबसे कम उम्र की युवा सरपंच बनने जा रही हूं इस बात की मुझे बहुत खुशी है। मैं चाहती हूं कि गांव में अच्छा विकास हो। मैं सभी की समस्याओं को सुलझा सकूं यही उम्मीद है।"

*BREAKING: सरकारी नौकरी में निकलेगी छप्पर फाड़ के भर्तियां, पीएम मोदी ने दिया ये निर्देश*

Manish gautam  *BREAKING: सरकारी नौकरी में निकलेगी छप्पर फाड़ के भर्तियां, पीएम मोदी ने दिया ये निर्देश* *नई दिल्ली (रिपब्लिक मध्यप्रदेश न्यूज़):* सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे छात्रों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ी खुशखबरी दी है. पीएम मोदी ने सरकार को निर्देश दिया है कि अगले 1.5 साल में 10 लाख सरकारी भर्तियां की जाएंगी. ये काम मिशन मोड में होगा. प्रधानमंत्री मोदी के ऑफिस ने ये जानकारी मंगलवार को ट्वीट करके दी *PMO ने किया ट्वीट किया:* प्रधानमंत्री कार्यालय के आधिकारिक ट्विटल हैंडल से ट्वीट किया गया कि सभी विभागों और मंत्रालयों में मानव संसाधन की स्थिति की समीक्षा की और निर्देश दिया कि सरकार द्वारा अगले 1.5 वर्षों में मिशन मोड में 10 लाख लोगों की भर्ती की जाए. बता दें कि बेरोजगारी के मुद्दे पर मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर रही है. कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल आरोप लगाते रहे हैं कि बीजेपी की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के कार्यकाल में देश में बेरोजगारी बढ़ी है. विपक्ष लगातार सरकार पर दबाव भी बनाता आया है. इससे पहले अप्रैल में पीएम मोदी ने शीर्ष सरकारी अ...

सोमवती अमावस्या 30 मई 2022, बना है ऐसा संयोग, मिलेगा 3 गुना फायदा एक साथ डा. मनीष गौतम

 सोमवती अमावस्या 30 मई 2022, बना है ऐसा संयोग, मिलेगा 3 गुना फायदा एक साथ डा. मनीष गौतम सोमवार 30 मई को सोमवती अमावस्या है। धार्मिक दृष्टि से सोमवती अमावस्या का बहुत ही ज्यादा महत्व बताया गया है। इस दिन शिवजी और पितरों की पूजा करना कई गुणा लाभ प्रदान करता है। सुहागन महिलाएं इस दिन शिव पार्वती की पूजा करके अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं और सोमावती देवी से आशीर्वाद मांगती हैं कि जैसे उनका सुहाग अखंडित रहा वैसे ही उनका भी सौभाग्य और सुहाग बना रहे। सोमवती अमावस्या पर शनि जयंती इस वर्ष कई वर्षों के बाद ऐसा दुर्लभ संयोग बना है कि सोमवती अमावस्या के दिन अमावस्या तिथि के स्वामी शनि देव की भी जयंती मनाई जाएगी। लेकिन इस बार की सोमवती अमावस्या का महत्व यहीं तक नहीं है। इस बार सोमवती अमावस्या के दिन ही सुहाग का पर्व वट सावित्री भी है। और इस पर सोने पर सुहागा यह है कि इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग उपस्थित हो रहा है। साथ ही 30 साल बाद शनि महाराज अपने जन्मदिन पर अपनी राशि कुंभ में होंगे।

वट सावित्री व्रत में क्यों की जाती है वट वृक्ष की पूजा डा. मनीष गौतम

 वट सावित्री व्रत में क्यों की जाती है वट वृक्ष की पूजा डा. मनीष गौतम हिंदू धर्म की महिलाएं परिवार की सुख-समृद्धि और पति की लंबी आयु के लिए वट सावित्री व्रत रखती हैं. यह त्यौहार ज्येष्ठ माह की अमावस्या के दिन पड़ता है. इस बार यह त्यौहार 30 मई को मनाया जाएगा. इस दिन महिलाएं व्रत रहकर वट वृक्ष की पूजा करती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि महिलाएं वट सावित्री व्रत में वट(बरगद) वृक्ष की ही पूजा क्यों करती हैं? आइए जानते हैं क्या है वट सावित्री व्रत का पौराणिक महत्व और   क्यों मनाया जाता है वट सावित्री व्रत? पौराणिक कथा के अनुसार, इस दिन ही सावित्री ने अपने दृढ़ संकल्प और श्रद्धा से यमराज द्वारा अपने मृत पति सत्यवान के प्राण वापस पाए थे. महिलाएं भी इसी संकल्प के साथ अपने पति की आयु और प्राण रक्षा के लिए व्रत रखकर पूरे विधि विधान से पूजा करती हैं. क्यों की जाती है वट वृक्ष की पूजा धार्मिक मान्यता अनुसार सावित्री के पति सत्यवान की दीर्घआयु में ही मृत्यु हो गई. जिसके बाद सावित्री ने वट वृक्ष के नीचे अपने पुण्य धर्म से यमराज को प्रसन्न करके अपने मृत पति के जीवन को वापस लौटाया था. य...