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30 साल बाद शनि की स्वराशि में वापसी, इन राशियों पर रहेगी टेढ़ी नजर; रहें सावधान! पं मनीष गौतम

 30 साल बाद शनि की स्वराशि में वापसी, इन राशियों पर रहेगी टेढ़ी नजर; रहें सावधान! पं मनीष गौतम ज्योतिष शास्त्र में शनि को अहम ग्रह माना जाता है. माना जाता है कि जब शनि देव की क्रूर दृष्टि पड़ती है तो जीवन में एक के बाद एक मुश्किलें आती हैं. शनि देव जब कभी भी राशि परिवर्तन करते हैं तो इसका सीधा असर इंसान की जिंदगी पर पड़ता है. शनि देव 29 अप्रैल 2022 को राशि परिवर्तन करने वाले हैं. इस राशि परिवर्तन के दौरान शनि देव कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे. ज्योतिष शास्त्र के जानकारों की मानें तो शनि देव 30 साल बाद स्वराशि में गोचर करेंगे. आइए जानते हैं कि शनि का यह राशि परिवर्तन किन राशियों के लिए खास रहने वाला है.  शनि का गोचर किन राशियों के लिए है महत्वपूर्ण? वृषभ (Taurus): शनि के इस राशि परिवर्तन से नौकरी और व्यापार में तरक्की मिल सकती है. साथ ही जो लोग नौकरी तलाशने में मेहनत कर रहें हैं, उन्हें उनकी मेहनत का फल मिलेगा, क्योंकि शनि देव मेहनत करने वालों के ऊपर कृपा दृष्टि रखते हैं. हालांकि लव लाइफ में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.  कर्क (Cancer): शनि के राशि परिवर्तन से कर्क राश...

आदि शंकराचार्य द्वारा 8वीं सदी में बनाया गया था श्रृंगेरी का शारदम्बा मंदिर पं मनीष गौतम

 आदि शंकराचार्य द्वारा 8वीं सदी में बनाया गया था श्रृंगेरी का शारदम्बा मंदिर पं मनीष गौतम  कर्नाटक राज्य के चिकमंगलुर जिले में तुंगा नदी के किनारे पर करीब 1100 साल पुराना श्रृंगेरी का शारदम्बा मंदिर स्थित है। ये मंदिर आदि शंकराचार्य द्वारा 8वीं सदी में बनाया गया था। यह मंदिर बहुत ही खूबसूरत है और यहां देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। यहां वसंत पंचमी को विशेष पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस मंदिर में देवी की मूर्ति चंदन की लकड़ी से बनी थी और इसे आदि शंकराचार्य द्वारा ही यहां स्थापित किया गया था, लेकिन बाद में इसे 14वीं शताब्दी में स्वर्ण की मूर्ति से बदल दिया गया। इस मंदिर में स्फटिक का लिंग भी स्थापित है, जिसके बारे में मान्यता है कि इसे भगवान शिव ने स्वयं आदि शंकराचार्य को भेंट में दिया था। हर रोज शाम को 8.30 बजे चंद्रमौलेश्वर पूजा के दौरान इस लिंग को देख सकते हैं। 14-16 वीं शताब्दी के दौरान और बाद में 1916 के आसपास विजयनगर साम्राज्य के शासनकाल में मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया था। होता है अक्षराभ्यास का अनुष्ठान ऐसा माना जाता है कि देवी शारदम्बा देवी सरस्वती का अवतार हैं, ...

मां मुंबा देवी जिसके दर्शन करने से ही सभी कष्ट हो जाते हैं दूर पं मनीष गौतम

 मां मुंबा देवी जिसके दर्शन करने से ही सभी कष्ट हो जाते हैं दूर पं मनीष गौतम मलकपुर तालाब मनगवा में स्थित है माता का मंदिर होते हैं चमत्कार कहावत है काहे मान मनगवां जयहै, काहे मलकपुर रोटी खाईहै, यह कहावत झूठी नहीं है मनगवां का इतिहास सैकड़ों वर्ष पुराना है यहां पर कभी राजवंश हुआ करते थे एक बार रानी मलकावती के पति की तबीयत ज्यादा बिगड़ जाने से और सभी राजवैद्य के मना करने के उपरांत निराश हो गई तभी एक ग्रामीण वेद्य ने उन्हें उपचार के लिए बनारस जाने के लिए कहा बोले आप वहां राजा साहब को ले जाइए और भगवान विश्वनाथ जी के दर्शन कराइए तब जाकर उनकी कृपा से इन्हें आराम हो सकता है रानी मलकावती लाव लश्कर के साथ राजा को लेकर बनारस के लिए निकल पड़ी मनगवां क्षेत्र में उनका पड़ाव पड़ा तब यहां तमाम जंगल हुआ करते थे उन्होंने रात भर जागरण किया सभी लाव लश्कर रात में सो गए रानी जग रही थी जहां पर रानी मलकावती और राजा साहब सयन कर रहे थे उसके थोड़ी ही दूर में एक बड़ी सी बामी थी अर्ध रात्रि में उस बामी से आवाज आई की राजा को अगर राई और माठा भरपेट पिला दिया जाए तो राजा स्वस्थ हो जाएगा रानी बात सुनी और अचरज म...

नवरात्रि विशेष चमत्कारों से भरा है मां शारदा का यह शक्तिपीठ, जहां पुजारी से पहले चढ़ा जाता है कोई फूल

 मनीष गौतम नवरात्रि विशेष चमत्कारों से भरा है मां शारदा का यह शक्तिपीठ, जहां पुजारी से पहले चढ़ा जाता है कोई फूल त्रिकूट पर्वत की ऊंची चोटी पर भव्य और सुंदर भवन में विराजमान हैं मां शारदा.  शारदा माता मंदिर के बारे में लोगों की मान्यता है कि इस मंदिर के पट बंद हो जाने के बाद जब पुजारी पहाड़ से नीचे चले आते हैं और वहां पर कोई भी नहीं रह जाता है तो वहां पर आज भी दो वीर योद्धा आल्हा और उदल अदृष्य होकर माता की पूजा करने के लिए आते हैं और पुजारी के पहले ही मंदिर में पूजा करके चले जाते हैं. मान्यता है कि आल्हा-उदल ने ही कभी घने जंगलों वाले इस पर्वत पर मां शारदा के इस पावन धाम की न सिर्फ खोज की, बल्कि 12 साल तक लगातार तपस्या करके माता से अमरत्व का वरदान प्राप्त किया था. मान्यता यह भी है कि इन दोनों भाइयों ने माता को प्रसन्न करने के लिए भक्ति सेजीभ शारदा को अर्पण कर दी थी, जिसे मां शारदा ने उसी क्षण वापस कर दिया था. सनातन परंपरा में मां शारदा को विद्या, बुद्धि और कला की अधिष्ठात्री देवी के रूप में पूजा जाता है. परीक्षा-प्रतियोगिता की तैयारी में जुटे छात्र मां शारदा का विशेष आशीर्वाद ल...

काली खोह मंदिर का रहस्य, जानिए क्यों उमड़ती है तांत्रिकों की भीड़ पं मनीष गौतम

 काली खोह मंदिर का रहस्य, जानिए क्यों उमड़ती है तांत्रिकों की भीड़ पं मनीष गौतम विंध्याचल धाम में विंध्य पर्वत पर स्थित महाकाली मंदिर का तंत्र साधना के लिए विशेष महत्व है. लोग इस मंदिर को काली खोह के नाम से जानते हैं. विश्व का यह इकलौता मंदिर हैं, जहां पर महाकाली खेचरी मुद्रा में हैं. आज हम इस मंदिर के गूढ़ रहस्यों के बारे में जानकारी साझा करेंगे. मिर्जापुरः शक्ति आराधाना के लिए विंध्य पर्वत पौराणिक काल से ही प्रसिद्ध है. यहां पर मां विंध्यवासिनी के साथ मां अष्टभुजा और महाकाली का मंदिर विराजमान है. महाकाली मंदिर को लोग काली खोह के नाम से ज्यादा जानते हैं. इस मंदिर का तंत्र साधना के लिए विशेष महत्व है. काली खोह मंदिर में तंत्र साधना के लिए तांत्रिक नवरात्र की सप्तमी तिथि को मां के सातवें स्वरूप कालरात्रि की साधना करते हैं.देवताओं के आग्रह पर किया था रूप धारण आम भक्त भी पूरी श्रद्धा के साथ मां का दर्शन करते हैं. कहा जाता है कि यहां पर तंत्र विद्याओं की बड़ी आसानी से सिद्धि हो जाती है, इस वजह से तांत्रिकों का यहां बड़ा जमावड़ा लगता है. भक्त यहां पर अपनी मनोकामना पूर्ण कराने के लिए मां...

*देखते रह गए बीजेपी विधायक, मंच से हिंदुस्तान मिटाने की बात कह गया कव्वाल; मोदी, योगी और शाह का नाम लेकर दिया बयान, केस दर्ज*

 Atit gautam *देखते रह गए बीजेपी विधायक, मंच से हिंदुस्तान मिटाने की बात कह गया कव्वाल; मोदी, योगी और शाह का नाम लेकर दिया बयान, केस दर्ज* 💥✍️ रीवा। हिंदुस्तान को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करना कव्वाल को महंगा पड़ गया. मनगवां थाने में उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. रीवा में आयोजित उर्स के मेले में कव्वाली गाते वक्त कव्वाल शरीफ परवाज ने हिंदुस्तान को लेकर टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान का पता नहीं रहेगा. यह वीडियो इनरनेट पर तेजी से वायरल हो रहा है. इसे लेकर स्थानीय लोगों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई है. कव्वाली के दौरान दिया विवादित बयान : रीवा के मनगवां में हर साल उर्स के मेले का आयोजन होता है. यहां अनवर शाह की मजार पर चादर चढ़ाई जाती है. हर बार की तरह इस बार भी कव्वाली का कार्यक्रम रखा गया. कार्यक्रम में कानपुर से शरीफ परवाज तथा मुजफ्फरपुर से सनम वारसी नाम के दो कव्वाली गायकों को बुलाया गया था. कव्वाल ने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा गृह मंत्री अमित शाह का जिक्र किया. बाद में कहा कि इनका तो कहीं पता ही नहीं चलता ऐसे में...

आस्था की शक्ति की अपील नेचुरल रंगों से मनाएं होली कोविड- प्रोटोकॉल का पालन करते हुए खुशियां मनाएं होली पर राशि के अनुसार चुनेंगे रंग तो बदल जाएगी किस्मत, गुडलक होगी होली

 मनीष गौतम आस्था की शक्ति की अपील नेचुरल रंगों से मनाएं होली कोविड- प्रोटोकॉल का पालन करते हुए खुशियां मनाएं होली पर राशि के अनुसार चुनेंगे रंग तो बदल जाएगी किस्मत, गुडलक होगी होली हिंदूओं का प्रमुख त्योहार होली इस बार 17 मार्च के दिन मनाई जाएगी. होलिका दहन 17 मार्च और 18 मार्च को रंग खेला जाएगा. रंगों का हमारे जीवन पर भी प्रभाव दिखता है. हिंदूओं का प्रमुख त्योहार होली इस बार 17 मार्च के दिन मनाई जाएगी. होलिका दहन 17 मार्च और 18 मार्च को रंग खेला जाएगा. रंगों का हमारे जीवन पर भी प्रभाव दिखता है. रंग जितना व्यक्ति के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं, उतना ही नकारात्मक प्रभाव भी डालते हैं. धार्मिक मान्यता है कि अगर रंगों का चुनाव किया जाए, तो किस्मत चमकने से कोई नहीं रोक सकता.   अगर इस बार होली पर आप राशि के अनुसार ही रंगों का चुनाव कर होली खेंलगें, तो व्यक्ति के जीवन से जुड़े ग्रह दोषों को भी दूर किया जा सकता है. साथ ही, किस्मत भी बदल सकती है. आइए जानें किस राशि के लोगों को किन रंगों के साथ खेलना शुभ होता है.  मेष और वृश्चिक राशि- दोनों राशियों का स्वामी मंगल ग्रह ...