मनीष गौतम रीवा जानें काशी में ही क्यों मनाई जाती है देव दिवाली 1/5इस वजह काशी में धूमधाम से मनाए जाने की है देव दिवाली की परंपरा कार्तिक पूर्णिमा का सनातन धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन देवता स्वर्ग लोक से उतरकर दीपदान करने पृथ्वी पर आते हैं, इसलिए इस दिन को देव दीपावली के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व दिवाली के 15 दिन बाद कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। धर्म नगर काशी में इस दिन गंगा स्नान, पूजन, हवन और दीपदान का कार्यक्रम किया जाता है। पूरी काशी को रौशनी से सजाया जाता है और घाटों को दीप जलाकर जगमगाया जाता है। इस सुंदर नजारे को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग काशी आती हैं और इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी आ रहे हैं। लेकिन आखिर काशी में ही क्यों मनाया जाता है देव दीपावली का त्योहार आइए जानते हैं…. 2/5देव दीपावली की पहली मान्यता काशी में देव दीपावली मनाने के पीछे एक पौराणिक कथा है। कथा के अनुसार, भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र कार्तिकेय ने तारकासुर का वध करके देवताओं को स्वर्ग वापस लौटाया था। तारकासुर के वध के बाद उसके तीनों पुत्रों ...