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मौनी अमावस्या के दिन संगम पर स्नान करने देवता भी आते हैं।डॉ मनीष गौतम

 मौनी अमावस्या के दिन संगम पर स्नान करने देवता भी आते हैं।डॉ मनीष गौतम                  क्या है महत्व  माघ मास की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहते हैं। इस दिन को माघ अमावस्या और दर्श अमावस्या के नाम से भी बुलाया जाता है। मां शारदा ज्योतिष पेट के ज्योतिषाचार्य डॉक्टर मनीष गौतम ने बताया कि पौराणिक कथा के अनुसार मौनी अमावस्या पर संगम पर देवताओं का आगमन होता है इसलिए इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है। इस मास को भी कार्तिक माह के समान पुण्य मास कहा गया है। इसी महात्म्य के चलते गंगा तट पर भक्त जन एक मास तक कुटी बनाकर कल्पवास करते हैं। इस तिथि को मौनी अमावस्या के नाम से इसलिए जाना जाता है क्योंकि ये मौन अमावस्या है और इस व्रत को करने वाले को पूरे दिन मौन व्रत का पालन करना होता है। इसलिए यह योग पर आधारित व्रत कहलाता है। शास्त्रों में वर्णित भी है कि होंठों से ईश्वर का जाप करने से जितना पुण्य मिलता है, उससे कई गुणा अधिक पुण्य मन का मनका फेरकर हरि का नाम लेने से मिलता है। इसी तिथि को संतों की भांति चुप रहें तो उत्तम है। अगर संभव नहीं हो तो अप...