पितृ पक्ष में भागवत कथा सुनने से पितरों को मिलती है शांति : डा. मनीष गौतम
इन दिनों पितृ पक्ष के दौरान लोग अपने पितरों को याद करते हुए तर्पण व श्राद्ध कर रहे हैं। शहर के घाटों सहित घरों में श्रद्धा के साथ पितरों के प्रति लोग कृतज्ञता प्रकट कर रहे हैं। प्राचीन काल से पितृपक्ष के दौरान श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करने की परंपरा रही है।
उन्होंने कहा की पितृ पक्ष में कथा का श्रवण करने से पितरों को शांति मिलती है वहीं यह उनके परिवार के लिए पुण्यदायी भी रहती है। उन्होंने कहा कि श्रद्घा भाव से पितरों के पूजन तर्पण से मानव को सुख समृद्घि की प्राप्ति होती है। मनुष्य देवच, पितृ तथा ऋषि ऋणि होता है,भागवत सुनने से उन्हें इन ऋणों से मुक्ति मिल जाती है।
मातृ पितरों के उद्देश्य से जो अपने प्रिय भोग्य पदार्थ श्रद्धा में प्रदान किए जाते हैं, उसी अनुष्ठान का नाम श्राद्ध है।लोग कहते हैं कि मनुष्य धर्म और समाज के रूढ़िवाद से ऊपर उठकर आज आगे बढ़ गया है।
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