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छठ पूजा एक त्योहार नहीं, संस्कार है- डॉ मनीष गौतम

 छठ पूजा एक त्योहार नहीं, संस्कार है- डॉ मनीष गौतम


उगते एवं डूबते दोनों सूरज की होती है पूजा



छठ पूजा का पर्व कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है. इस बार छठ के पर्व की शुरुआत 28 अक्टूबर से होगी और 31 अक्टूबर को इसका समापन होगा. छठ पूजा के दिन सूर्यदेव और षष्ठी मैया की पूजा की जाती है. साथ ही इस दिन शिव जी की पूजा भी की जाती है. इस त्योहार को सबसे ज्यादा बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बंगाल में मनाया जाता है. साथ ही इसे नेपाल में भी मनाया जाता है. इस त्योहार को सूर्य षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है. छठ पूजा का पर्व संतान के लिए रखा जाता है. यह 36 घंटे का निर्जला व्रत रखा जाता है. 


छठ पूजा का व्रत कितने दिन रखा जाता है


पहला दिन- नहाय खाय नहाय खाय से छठ पूजा की शुरुआत होती है. इस दिन व्रती नदी में स्नान करते हैं इसके बाद सिर्फ एक समय का ही खाना खाया जाता है. इस बार नहाय खाय 28 अक्टूबर को है. 


दूसरा दिन- खरना


छठ का दूसरा दिन खरना कहलाता है. इस दिन भोग तैयार किया जाता है. शाम के समय मीठा भात या लौकी की खिचड़ी खाई जाती है.व्रत का तीसरा दिन दूसरे दिन के प्रसाद के ठीक बाद शुरू हो जाता है. इस साल खरना 29 अक्टूबर को है


तीसरा दिन- अर्घ्य 


छठ पूजा में तीसरे दिन को सबसे प्रमुख माना जाता है. इस मौके पर शाम के समय भगवान सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है और बांस की टोकरी में फलों, ठेकुआ, चावल के लड्डू आदि से अर्घ्य के सूप को सजाया जाता है. इसके बाद, व्रती अपने परिवार के साथ मिलकर सूर्यदेव को अर्घ्य देते हैं और इस दिन डूबते सूर्य की आराधना की जाती है. छठ पूजा का पहला अर्घ्य इस साल 30 अक्टूबर को दिया जाएगा. इस दिन सूर्यास्त का समय 05 बजकर 34 मिनट से शुरू होगा.


चौथा दिन- उषा अर्घ्य


चौथे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. ये अर्घ्य लगभग 36 घंटे के व्रत के बाद दिया जाता है. 31 अक्टूबर को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. इस दिन सूर्योदय 6 बजकर 27 मिनट पर होगा. इसके बाद व्रती के पारण करने के बाद व्रत का समापन होगा.इस दिन जरूरतमंदों और गरीब लोगों की मदद करनी चाहिए. छठ पूजा का प्रसाद बनाते समय नमकीन वस्तुओं को हाथ नहीं लगाना चाहिए. भगवान सूर्य को स्टील, प्लास्टिक, शीशे, चांदी आदि के बर्तन से अर्घ्य नहीं देना चाहिए. इस दिन गरीब लोगों में खाना बांटा जाए तो छठ माता हर मनोकामना पूरी करती हैं.

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