गोवंश बीच सड़क में तड़पने को है मजबूर इनकी सुध लेने को कोई नहीं है तैयार
यह देख के बहुत अफसोस होता है,दु:ख होता है कि जिस देश में गाय को गौ माता माना जाता है उस देश में वही गौमाता आज सड़को में,चौराहों में,बाजारो मे हज़ारों के झुंड में खड़ी रहती है, वही सोती है, जगती है और वही गाड़ियों द्वारा दुर्घटना में मारी जा रही है और तड़प तड़प के मर रही है|
ना सरकार जाग रही है ना इंसान, कोई तो इनका सहारा बन जाए | आज गाय की यह दुर्दशा देखकर मन असहज होता है, रोटा है और प्रश्न करता है की क्या यही देश है जो गाय को गौ माता मानता है,उसकी पूजा करता है और बात केवल गाय की नहीं साथ में सभी जानवरों की है,उपयोग करके इन्हें घर से निकाल सड़क में कर देना यह अमानवीय है,और अपनत्व से आवरा पशु बना देना यह शर्मसार है उन मानव के लिए जो छोड़ देते हैं राह में|
हे मानव कुछ तो डर, कुछ तो शर्म कर जिस तरह तुझमे भगवान बसा है वही भगवान सभी जीव में बसा है, पशुओं को गौशाला भेजो ,खुद घर में सेवा करो पर उन्हे दुर्घटना,बीमारी से मरने ना दो मरने ना दो |
पशु भी रोते हैं बोल नहीं पाते पर कहते होंगे,काश हमे भी वोट डालने का अधिकार होता हम भी अपने लिए सही मालिक चुन लेते जो हमे सड़को,चौराहो,बाजारों में मरने ना देता ऐसे मरने ना देता|
सियाराम पांडे
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