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सितंबर, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

54 साल बाद नवरात्रि पर बन रहे हैं शुभ संयोग: हाथी पर बैठकर आएंगी मां

 54 साल बाद नवरात्रि पर बन रहे हैं शुभ संयोग: हाथी पर बैठकर आएंगी मां डॉ मनीष गौतम आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि आरंभ हो जाएगी। हिंदू धर्म में नवरात्रि पर्व का विशेष महत्व होता है। इस वर्ष 26 सितंबर,सोमवार से शारदीय नवरात्रि शुरू होकर 05 अक्तूबर को विजयादशमी पर समाप्त हो जाएगी। नवरात्रि पर्व में 9 दिनों तक देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा आराधना की जाएगी। पहले दिन कलश स्थापना करते हुए विधि-विधान से मां दुर्गा की उपासना शुरू होगी फिर अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्या पूजन किया जाएगा। मान्यता है कि नवरात्रि पर मां दुर्गा स्वर्गलोक से पृथ्वीलोक पर अपने भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करने के लिए आती हैं। शारदीय नवरात्रि पर देशभर में दुर्गा पूजा के लिए भव्य पंडाल लगाए जाते हैं।  हाथी पर सवार होकर आ रहीं मां दुर्गा इस साल अश्विन मास की नवरात्रि में मां दुर्गा गज यानी कि हाथी पर सवार होकर आ रही हैं। मां दुर्गा की हाथी की सवारी को शुभ माना जाता है, साथ ही यह खासी बारिश होने की भी सूचक है। मां दुर्गा की हाथी की सवारी को खेती और फसलों के लिए शुभ माना जाता ...

*चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में MMS कांड से मचा बवाल*

Manish gautam rewa  *चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में MMS कांड से मचा बवाल*  पंजाब के मोहाली की चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की एक छात्रा ने करीब 60 छात्राओं की नहाते हुए वीडियो बनाकर अपने बॉयफ्रेंड को भेज दी। शिमला में रहने वाले बॉयफ्रेंड ने वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए। जिसके बाद 8 छात्राओं ने की आत्महत्या की कोशिश।अस्पताल में किया गया भर्ती। यूनिवर्सिटी में भारी बवाल, हंगामा।

गोवंश बीच सड़क में तड़पने को है मजबूर इनकी सुध लेने को कोई नहीं है तैयार

 गोवंश बीच सड़क में तड़पने को है मजबूर इनकी सुध लेने को कोई नहीं है तैयार यह देख के बहुत अफसोस होता है,दु:ख होता है कि जिस देश में गाय को गौ माता माना जाता है उस देश में वही गौमाता आज सड़को में,चौराहों में,बाजारो मे हज़ारों के झुंड में खड़ी रहती है, वही सोती है, जगती है और वही गाड़ियों द्वारा दुर्घटना में मारी जा रही है और तड़प तड़प के मर रही है|  ना सरकार जाग रही है ना इंसान, कोई तो इनका सहारा बन जाए | आज गाय की यह दुर्दशा देखकर मन असहज होता है, रोटा है और प्रश्न करता है की क्या यही देश है जो गाय को गौ माता मानता है,उसकी पूजा करता है और बात केवल गाय की नहीं साथ में सभी जानवरों की है,उपयोग करके इन्हें घर से निकाल सड़क में कर देना यह अमानवीय है,और अपनत्व से आवरा पशु बना देना यह शर्मसार है उन मानव के लिए जो छोड़ देते हैं राह में|  हे मानव कुछ तो डर, कुछ तो शर्म कर जिस तरह तुझमे भगवान बसा है वही भगवान सभी जीव में बसा है, पशुओं को गौशाला भेजो ,खुद घर में सेवा करो पर उन्हे दुर्घटना,बीमारी से मरने ना दो मरने ना दो | पशु भी रोते हैं बोल नहीं पाते पर कहते होंगे,काश हमे भी वोट ...

पितरों को करना हो प्रसन्न तो झट से लगा लें ये पौधे डॉ मनीष गौतम

 पितरों को करना हो प्रसन्न तो झट से लगा लें ये पौधे डॉ मनीष गौतम पितृपक्ष में पूजा-पाठ ही नहीं ये पौधे भी देते हैं लाभ सनातन धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है, मान्यता है कि इन दिनों अगर न‍ियमपूर्वक पूजा कर ली जाए तो प‍ितर प्रसन्‍न होते हैं। लेक‍िन क्‍या आप जानते हैं क‍ि पूजा-पाठ के अलावा अगर आप पौधे लगा लें तो भी प‍ितर प्रसन्‍न हो जाते हैं। जी हां मान्‍यता है क‍ि इन व‍िशेष पौधों को पितृ पक्ष के दौरान लगाना अत्यंत लाभकारी होता है। इसलिए इस बार पितरों को प्रसन्न करने के लिए ये पौधे जरूर लगाएं। ऐसा करने से जीवन के हर क्षेत्र में सफलता म‍िलती है और सुख-समृद्धि का वास होता है। तो आइए एस्‍ट्रॉलजर मनीष गौतम से जानते हैं क‍ि ये पौधे कौन से हैं और ये कैसे लाभ देते हैं? इसे लगाने से होता है व‍िशेष लाभ शास्‍त्रों में पीपल को व‍िशेष फलदायी माना गया है। मान्‍यता है क‍ि अगर पितृ पक्ष के दौरान घर में किसी पवित्र स्थान पर पीपल का पौधा लगा द‍िया जाए तो अधूरे पड़े कार्य पूरे होने लगते हैं। लेक‍िन अगर घर में इसे लगाने की जगह न हो तो इसे कहीं बाहर भी लगा सकते हैं। ध्‍यान रखें क‍ि इस पौधे पर न‍ियम‍...

गणेश प्रतिमा के विसर्जन में पंचक बाधक

 गणेश प्रतिमा के विसर्जन में पंचक बाधक नहीं डॉ मनीष गौतम देव पूजन में नहीं किया जाता विचार   इस संबंध में ज्योतिषाचार्य पंडित मनीष गौतम का कहना है कि शुभ कार्यों, खास तौर पर देव पूजन में पंचक का विचार नहीं किया जाता। शास्त्रों में पंचक के दौरान शुभ कार्य के लिए कहीं भी निषेध का वर्णन नहीं है। कुछ कार्यों में ही इसके विचार की बात कही गई है। पंचक में जो नक्षत्र आते हैं उनमें धनिष्ठा तृतीय चरण से रेवती नक्षत्र तक शामिल हैं। प्रत्येक माह में जब भी ये नक्षत्र आते हैं तो पंचक का प्रभाव होता है। जब चंद्रमा कुंभ और मीन राशि पर रहता है तब उस समय को पंचक कहते हैं। क्योंकि चंद्रमा 27 दिनों में इन सभी नक्षत्रों का भोग कर लेता है। अत: हर महीने में लगभग 27 दिनों के अंतराल पर पंचक नक्षत्र आते ही रहते हैं पंचक के दौरान ये है वर्जित  ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मृत्यु होने पर शव का अग्नि संस्कार, दक्षिण दिशा में यात्रा, लकड़ी काटना व एकत्रीकरण, तृण तोड़ना व एकत्रीकरण जैसे कार्यों को पंचक में करने से मना किया गया है। पंचक में क्या नहीं है वर्जित   पंचक में देव पूजन व प्रतिष्ठा, गृह प...
इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद, उन्होंने सोचा कि क्यों न लोगों की मदद की जाए, और फिर उन्होंने एसआई की परीक्षा दी जो कि मप्र सरकार द्वारा ली जाती है और पहले प्रयास में, विकास सिंगौर ने इस परीक्षा को सूची में चौथी रैंक के साथ पास किया और सबसे कम उम्र के सब इंस्पेक्टर बन गए। 21 साल की उम्र में एम.पी. आज की तारीख में विकास रीवा जिले में पदस्थापित हैं और पूरे जोश और लगन से देश का सर्वेक्षण कर रहे हैं इंजीनियरिंग पास करने के बाद विकास को बहुत बड़ी और अच्छी कंपनियों से नौकरी के प्रस्ताव मिले लेकिन उनके प्रस्ताव को स्वीकार न करके उन्होंने सरकारी क्षेत्र की तैयारी शुरू कर दी और एसआई की परीक्षा दी। विकास सिंगौर के उनके इस फैसले से उनके परिवार वाले काफी सदमे में थे, लेकिन फिर भी उनके इस फैसले में उनके परिवार वालों ने उनका साथ दिया।  विकास सिंगौर ने बहुत लोगों की मदद की है, उनका मानना ​​है कि इस दुनिया में हम सभी को एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए, मुसीबत के समय एक-दूसरे का साथ देना चाहिए, तभी यह देश आगे बढ़ेगा और सभी में भाईचारा आएगा। नौकरी के अलावा, विकास एक स्वास्थ्य सनकी है जो वह हर रोज ...

3 सितंबर को महिलाएं संतान प्राप्ति की इच्छा और संतान की सुख-समृद्धि की कामना से संतान सप्तमी का व्रत रखेंगी

 संतान सप्तमी व्रत से होती है संतान की रक्षा डॉ मनीष गौतम  3 सितंबर को महिलाएं संतान प्राप्ति की इच्छा और संतान की सुख-समृद्धि की कामना से संतान सप्तमी का व्रत रखेंगी संतान सप्तमी व्रत भादो महीने की शुक्लपक्ष की सप्तमी को किया जाता है। यह व्रत संतान की प्राप्ति, उसकी कुशलता और उन्नति के लिए किया जाता है। सुबह ज्ल्दी उठकर, स्नानादि करके स्वच्छ कपड़े पहनें और भगवान शिव और मां गौरी के समक्ष प्रणाम कर व्रत का संकल्प लें। अब अपने व्रत की शुरुआत करें और निराहार रहते हुए शुद्धता के साथ पूजन का प्रसाद तैयार कर लें। इसके लिए खीर-पूरी व गुड़ के 7 पुए या फिर 7 मीठी पूरी तैयार कर लें। यह पूजा दोपहर के समय तक कर लेनी चाहिए। पूजा के लिए धरती पर चौक बनाकर उस पर चौकी रखें और उस पर शंकर पार्वती की मूर्ति स्थापित करें। अब कलश स्थापित करें, उसमें आप के पत्तों के साथ नारियल रखें। दीपक जलाएं और आरती की थाली तैयार कर लें जिसमें हल्दी, कुंकुम, चावल, कपूर, फूल, कलावा आदि अन्य सामग्री रखें। अब 7 मीठी पूड़ी को केले के पत्ते में बांधकर उसे पूजा में रखें और संतान की रक्षा व उन्नति के लिए प्रार्थना करते ह...