सावन में रुद्राभिषेक से मिलते हैं चमत्कारी लाभ
सावन महीने में रुद्राभिषेक कराना बहुत फलदायी माना जाता है.
सावन महीने की शुरुआत हो गई है. सावन महीने में हिंदू धर्म के लोग घर पर या शिवालयों में रुद्राभिषेक कराते हैं. ऐसी मान्यता हैं कि सावन के महीने भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने से सारे दुख नष्ट हो जाते हैं और हमें लाइफ में मनचाही सफलता मिलती है. ज्योतिष मर्मज्ञ श्रीनाथ प्रपन्नाचार्य की मानें तो अलग-अलग कामनाओं के लिए अलग-अलग पूजन सामग्री के साथ भगवान भोले शंकर का रुद्राभिषेक किया जाता है. यदि आपकी भी कोई ऐसी कामना है जिसकी पूर्ति के लिए आप सावन में रुद्राभिषेक कराना चाहते हैं. तो आइए जानते हैं सावन में कब और किस विधि से करें रुद्राभिषेक और क्या है इसका महत्व.ऐसे तो सावन महीने में किसी भी दिन रुद्राभिषेक कराना फलदायी होता है, लेकिन सावन माह में पड़ने वाले सोमवार, शुक्रवार और प्रदोष के दिन रुद्राभिषेक कराना विशेष फलदायी होता है. ज्योतिष की मानें तो अलग-अलग समस्याओं के निवारण और अलग-अलग कामनाओं की पूर्ति के लिए अलग-अलग द्रव्यों से शिवलिंग पर अभिषेक किया जाता है. आइए जानते आपको सावन के महीने में किस चीज से रुद्राभिषेक करना विशेष फलदायी रहेगा.
मनोकामना अनुसार इन चीजों से करें रुद्राभिषेक
. असाध्य रोगों को शांत करने के लिए कुशोदक (कुश के रस) से रुद्राभिषेक करें.
. भवन-वाहन के पुर्ति के लिए दही से रुद्राभिषेक करें.
. लक्ष्मी प्राप्ति एवम शीघ्र विवाह के लिए गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करें.
. पैसों में बढ़ोत्तरी के लिए शहद एवं घी से अभिषेक करें.
. मोक्ष की प्राप्ति के लिए तीर्थ के जल (पवित्र नदियों के जल) से अभिषेक करें.
रुद्राभिषेक का महत्व
शिवपुराण के रुद्र संहिता के अनुसार सावन मास में रुद्राभिषेक का विशेष महत्व है. ऐसी मान्यता है कि रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव की कृपा से हर मनोकमना पूरी होती है. सनातन धर्म में यह सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली पूजा मानी जाती है. रुद्राभिषेक का फल भगवान शिव प्रसन्न होकर तत्काल देते हैं. ज्योतिष की मानें तो सावन माह में पारद के या पार्थिव शिवलिंग से रुद्राभिषेक करना अत्यंत फलदायी होता है.
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें