सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

मैहर माता का मंदिर : दरवाजा खुलने से पहले ही हो जाती है आरती, वैज्ञानिकों के लिए रहस्य

 मनीष गौतम

मैहर माता का मंदिर : दरवाजा खुलने से पहले ही हो जाती है आरती, वैज्ञानिकों के लिए रहस्य


मां का दर्शन पाने के लिए करीब 1,063 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं. सतना का मैहर मंदिर मां शारदा का देश में अकेला मंदिर है.



मध्य प्रदेश के सतना जिले में त्रिकूट पर्वत पर माता मैहर देवी का मंदिर है. मैहर का मतलब होता है ‘मां का हार’. मान्यताओं के अनुसार यहां मां सती का हार गिरा था, इसीलिए इसकी गणना शक्तिपीठों में की जाती है. यहां मां का दर्शन पाने के लिए करीब 1,063 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं. सतना का मैहर मंदिर मां शारदा का देश में अकेला मंदिर है. मंदिर से जुड़ी मान्यता है कि शाम की आरती होने के बाद जब मंदिर के कपाट बंद करके सभी पुजारी नीचे आ जाते हैं तब भी यहां मंदिर के अंदर से घंटी और पूजा करने की आवाज आती है. लोगों की मान्यता है कि मां के भक्त आल्हा अभी भी पूजा करने मंदिर में आते हैं. अक्सर सुबह की आरती आल्हा और ऊदल ही करते हैं.

मैहर मंदिर के मंहत के मुताबिक आल्हा अभी भी मां शारदा की पूजा करने सुबह मंदिर पहुंचते हैं. आज भी मां का पहला श्रृंगार भक्त आल्हा द्वारा ही की जाती है. जब ब्रह्म मुहूर्त में मैहर मंदिर के पट खोले जाते हैं तो शारदा मां की पूजा पहले से हुई रहती है. रहस्य को सुलझाने के लिए वैज्ञानिकों की टीम भी आई लेकिन रहस्य अभी भी बरकरार है.


आल्हा करते हैं मैहर मां की आरती-


मान्यताओं के अनुसार आल्हा की भक्ति और वीरता से प्रसन्न होकर मां शारदा ने उन्हें अमरता का वरदान दिया था. स्थानीय लोगों के अनुसार रात 8 बजे मंदिर की आरती के बाद साफ-सफाई होती है.  फिर मंदिर के सभी कपाट बंद कर दिए जाते हैं.  बावजूद इसके जब सुबह मंदिर को  खोला जाता है तो मंदिर में मां की आरती और पूजा किए जाने के सबूत मिलते हैं. मान्यता है कि माता शारदा के दर्शन के लिए हर दिन सबसे पहले आल्हा और ऊदल हैं.

कौन थे आल्हा-


बुंदेलखंड में आल्हा और ऊदल की कई कहानियां प्रचलित हैं. आल्हा और ऊदल दो भाई थे, जो बुन्देलखण्ड में महोबा के वीर योद्धा और परमार के सामंत थे. कवि जगनिक, जो कि कालिंजर के राजा परमार के दरबारी थे, ने आल्हा खण्ड नाम से एक काव्य की रचना की थी. इसमें उन्होंने दो वीरों की 52 युद्धों का वर्णन किया है. काव्य में लिखा है कि आल्हा ने अपनी आखिरी लड़ाई पृथ्‍वीराज चौहान के साथ लड़ी थी.


मान्यता है कि आल्हा को मां शारदा का आशीर्वाद प्राप्त था, लिहाजा पृथ्वीराज चौहान की सेना को पीछे हटना पड़ा था. मां के आदेशानुसार आल्हा ने अपनी साग (हथियार) शारदा मंदिर पर चढ़ाकर नोक टेढ़ी कर दी थी जिसे आज तक कोई सीधा नहीं कर पाया है. मंदिर परिसर में ही तमाम ऐतिहासिक महत्व के अवशेष अभी भी आल्हा व पृथ्वीराज चौहान की जंग की गवाही देते हैं.

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

इस मंदिर में मौजूद है चमत्कारी मणि दर्शन मात्र से हो जाते हैं सारे कष्ट दूर शिवलिंग दिन में चार बार बदलती है अपना रंग

 डा. मनीष गौतम देवतालाब इस मंदिर में मौजूद है चमत्कारी मणि दर्शन मात्र से हो जाते हैं सारे कष्ट दूर शिवलिंग दिन में चार बार बदलती है अपना रंग Devtalav temple: मध्यप्रदेश में रीवा जिले के देवतालाब में भगवान शिव जी का ऐतिहासिक मंदिर है। जिसमें हर समय श्रद्धालुयों की भारी भीड़ आती है। मां शारदा ज्योतिष केंद्र के ज्योतिषाचार्य डॉ मनीष गौतम महाराज ने बताया कि लाखों लोग देश-विदेश से भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए आते हैं। लेकिन हर साल में सावन माह में तो श्रद्धालयों की भारी भीड़ जमा होती है।  विश्व का इकलौता एक पत्थर का बना मंदिर देवतालाब मंदिर की मान्यता यह है कि इस मंदिर का निर्माण सिर्फ एक रात में हुआ था। ऐसा माना जाता है कि सुबह जब लोगों ने देखा तो यहां पर बहुत बड़ा मंदिर बना हुआ मिला था, लेकिन किसी ने इसको बनते हुआ नहीं देखा। कुछ जानकारों ने बताया कि मंदिर के साथ ही यहां पर अलौकिक शिवलिंग की स्थापना अपने आप हो गई थी। यह शिवलिंग बहुत ही रहस्यमयी है, जो दिन में चार बार अपना रंग बदलती है। एक ही पत्थर का बना हुआ विश्व का यह अद्भुत मंदिर सिर्फ देवतालाब में स्थित है क्या है मंदिर की कह...

मनगवां तहसीलदार का एक नया कारनामा बिना नियम बिना प्रक्रिया के पटवारी सर्वेयर पद दिया चहेतो को

 Atit gautam rewa मनगवां तहसीलदार का एक नया कारनामा बिना नियम बिना प्रक्रिया के पटवारी सर्वेयर पद दिया चहेतो को *सभी पटवारी ने नियम विरुद्ध तरीके से अपने चहेतों को पटवारी सर्वेयर पद पर नियुक्त किया* मनगवां तहसील हमेशा ही भ्रष्टाचार के कारण खबरों में बना रहता है यहां पर कोई भी काम कार्य कानून के अनुसार नहीं होते हैं भ्रष्टाचारी यहां पर अपनी पैठ बनाकर सभी कार्य भ्रष्टाचार एवं पैसे के लेनदेन के माध्यम से करा देते हैं *पटवारी किसी भी कानून से नहीं डरते हैं अपने चहेतो को नियुक्त किया* हाल ही में तहसील मनगवां में समस्त गांव में फसल गिर्दावाली दर्ज किए जाने हेतु पटवारी सर्वेयर की नियुक्ति होने थी किंतु तहसीलदार मनगवां एवं पटवारी की मिली जुली सरकारी ने पटवारी के चहेतों  को इसमें नियुक्त कर दिया गया *नियुक्त प्रक्रिया रखी गई गोपनीय* पटवारी भ्रष्टाचार में कितने माहिर है आपको इस बात से पता चल जाएगा कि इस पद के लिए ना ही किसी को कानों कान खबर होने दी गई ना ही अभ्यर्थियों से आवेदन पत्र मंगाए गए अपने चहेतो को पटवारी ने नियुक्त करके पदों का बंदर बांट कर दिया  *तहसील में सक्रिय है दलाल* ...

विन्ध्य के बड़े नेता बने डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला कद बढ़ा

Manish gautam rewa  *छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय हैं मध्‍य प्रदेश के डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल* *2023 में शिवराज सिंह चौहान सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में भी कार्यभार संभाला।* रीवा। राजेंद्र शुक्ला मध्य प्रदेश के नए उपमुख्यमंत्री होंगे। वह विन्ध्य के पहले ऐसे व्यक्ति होंगे जिन्हें यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिल रही है। वह लगातार पांचवीं बार रीवा से विधायक निर्वाचित हुए हैं। बड़े ब्राह्मण चेहरा हैं, साफ-सुथरी छवि है विकास पुरुष के नाम से जाने जाते हैं। *डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल का जन्म 3 अगस्त 1964 को रीवा में हुआ था* प्रदेश के डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल का जन्म 3 अगस्त 1964 को रीवा में हुआ था। उनके पिता भैयालाल शुक्ला एक ठेकेदार और सामाजिक कार्यकर्ता थे। उन्होंने सरकारी स्कूल से पढ़ाई की और सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज रीवा से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की थी। युवावस्था में ही नेतृत्व के गुण विकसित होने के कारण वे 1986 में सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज छात्र संघ के अध्यक्ष बने थे। वह 1986 में सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज छात्र संघ के अध्यक्ष थे। उन्होंने 1998 के ...