*संक्रमण काल में भी भ्रष्टाचार*
*आपदा काल में भी, रोगी कल्याण समिति के खाते का पता नहीं, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मनगवां*
------------------------ *रोगी कल्याण समिति
के अध्यक्ष वर्तमान एसडीएम हैं*--------------------
----------
भारत देश करोना महामारी से जूझ रहा है देश और प्रदेश की सरकार बड़े-बड़े उद्योगपति समर्थ व्यक्ति सभी अस्पतालों की मदद करने में लगे हैं पर अस्पतालों में चलने वाला बैंक खाता लूट का अड्डा बन चुका है क्योंकि किसी का भी ध्यान नहीं जाता रोगी कल्याण समिति जहां पर सरकार द्वारा फंडिंग की जाती है और बीमार गरीब उपचार में आने वाले व्यक्तियों द्वारा ₹5 की रसीद काटकर रोगी कल्याण समिति में पैसा जमा कराया जाता है प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मनगवां में रोगी कल्याण समिति के खाते का अता पता नहीं है वरिष्ठ चिकित्सक एवं पूर्व बीएमओ गंगेव डॉ वेद प्रकाश त्रिपाठी से जब इस विषय पर बात की गई की सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा मनगवां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मैं कुछ सहयोग राशि जमा करा दी जाए जिससे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मनगवां में उपचार के लिए आने वाले मरीजों को कुछ सुविधाएं प्राप्त हो सके प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मनगवां में कई तरह की अव्यवस्था देखने को मिली जिससे जनजीवन प्रभावित है उन समस्याओं को देखकर सामाजिक कार्यकर्ताओं ने फंडिंग करनी चाहिए परंतु वरिष्ठ चिकित्सक डॉ वेद प्रकाश त्रिपाठी जी ने बताया कि मुझे किसी भी तरह के बैंक के खाते के बारे में जानकारी नहीं है रोगी कल्याण समिति का बैंक खाता हुआ करता था परंतु इस समय मेरी जानकारी में वह भी नहीं है जब उनसे यह पूछा गया की पर्चा बनवाते व्यक्ति जो मरीज व्यक्ति ₹5 जमा करता है वह किस खाते में जमा होता है तो उन्होंने बताया यह पैसा अभी अस्पताल के तिजोरी में ही रखा रहता है क्योंकि खाता मुझे प्राप्त नहीं हुआ उनसे जब रोगी कल्याण समिति के विषय पर बात की गई तो उन्होंने बताया की वर्तमान समय के एसडीएम इस बैंक खाते के अध्यक्ष होते हैं बीएमओ सचिव होते हैं और दो सामाजिक कार्यकर्ता होते हैं और इसी तरह से 2 जनप्रतिनिधि भी हुआ करते हैं परंतु वर्तमान समय में इस विषय की जानकारी मुझे नहीं है कि रोगी कल्याण समिति में किस को रखा गया है और किसको नहीं रखा गया है इस बात की जानकारी एसडीएम मनगवां ही बता सकते हैं कि इस खाते में कौन-कौन व्यक्ति हैं राशि के विषय में बात की गई तो उन्होंने बताया कि मेरे कार्यकाल में खाते का ऑडिट किया गया था उसके बाद कि मुझे कोई भी जानकारी नहीं है रोगी कल्याण समिति में शासन द्वारा पर्याप्त मात्रा में फंडिंग की जाती है जिस के सहयोग से अस्पताल का संचालन किया जाता है और उसी में ₹5 का राशि ली जाने वाली भी जमा कराया जाता है
*नमूना बना हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर का आज तक किसी भी मरीज को लाभ प्राप्त नहीं हुआ*
------------------------------
सरकार द्वारा अभियान चलाकर स्वास्थ्य लाभ मरीजों को पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाता है उसी कड़ी में हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर का गठन किया गया जिसमें एक ब्लॉक में ब्लॉक एजुकेटर की नियुक्ति की जाती है वह व्यक्ति सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं स्वास्थ्य केंद्रों में पहुंचकर वहां पर भर्ती हुए मरीजों को योगा प्राणायाम एवं मनोवैज्ञानिक तरीके से स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने का काम करते हैं परंतु सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गंगेव मैं नियुक्त हुए अंकित पांडे का दर्शन आज तक मरीजों को नहीं हो पाया अंधेर नगरी चौपट राजा वाली कहानी सिद्ध होती है की स्वास्थ्य व्यवस्था गंगेव ब्लाक में बदहाल है आखिर मध्य प्रदेश सरकार द्वारा जो राहत ब्लॉक एजुकेटर हेल्थ वैलनेस सेंटर के संचालक अंकित पांडे को दी जाती है वह क्यों और अगर काम के लिए दी जाती है तो उसका काम क्यों नहीं होता है यह एक बड़ा सवाल उठता है जबकि वर्तमान बीएमओ डॉक्टर देवव्रत पांडे बहुत ही कुशल योग्य अनुभवी चिकित्सक हैं उसके उपरांत भी उनके नाक के नीचे स्वास्थ्य व्यवस्था में बदहाली क्यों हैं क्यों उनके समय में प्रश्नचिन्ह लग रहा है यह समझने का विषय है और वरिष्ठ अधिकारियों के जांच का विषय है की रोगी कल्याण समिति के खाते में आने वाला पैसा किस काम में लगाया जाता है इसकी ऑडिट होनी चाहिए और हेल्थ वैलनेस सेंटर नियुक्त अंकित पांडे की भी जांच होनी चाहिए कि उन्होंने आज तक कितने मरीजों को स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर आया है
*सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गंगेव एवं सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के भारी भ्रष्टाचार की जांच आवश्यक है*☝️☝️☝️☝️
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें