अतीत गौतम मनगवां की कलम से
*जल ही जीवन है कथन असत्य दिखाई दे रहा है-*
---------------------------------- *एक तरफ देश कोविड-19 के महामारी से जूझ रहा है दूसरी तरफ जनता पानी के लिए त्राहिमाम त्राहिमाम कर रही है*
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जिस तरह से देश भर में कोविड-19 की महामारी ने अपना असर दिखा कर आम जनता को मरने पर मजबूर कर रही है वही दूसरी तरफ भीषण गर्मी के प्रकोप से आम जनता पानी के लिए परेशान हैं जनपद क्षेत्र अंतर्गत गांवों में हैंड पंप हवा उगल रहे हैं वही पीएचई विभाग के अधिकारी कुंभकरण की निद्रा में चादर ओढ़ के सो गए हैं और ठेकेदार जो हैंडपंप चल भी रहे थे उनकी पाइप निकाल कर बाजार में बेच लेते हैं और आम जनता को जवाब देते हैं की पाइप खराब हो गई थी आने पर डाल दिया जाएगा और हैंडपंप बंद हो जाते हैं पी एच ई विभाग के पास ठेकेदार कम दलाल ज्यादा होते हैं यह पी एच ई विभाग के अधिकारी आज तक यह नहीं बता पाए कि उन्होंने कितने हैंडपंप में नई पाइप डाली है और कितनी पुरानी पाइप निकाले हैं अगर उन्होंने पुरानी पाइप निकाली है तो उसका स्टोर रूम कहां है वह इसलिए नहीं बता पाते क्योंकि दुकानदारों से मिलीभगत में कागजी कार्यवाही तो पूरी हो जाती है परंतु जमीनी स्तर पर काम नहीं होता है लेनदेन करके सारा मामला निपटा लिया जाता है इस भ्रष्टाचार में सबसे ज्यादा गंगेव जनपद क्षेत्र में पीएचई विभाग की मनमानी चल रही है
*गेहूं खरीदी केंद्र में किसानों के लिए पेयजल की कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं, और ना ही मूलभूत आवश्यकताओं की सुविधा- शौचालय या छाए के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं है*
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इस समय देश भर का किसान गांव तहसील स्तर की मंडियों में गेहूं बिक्री करने के लिए भारी मात्रा में पहुंच रहे उन किसानों के लिए इस भीषण गर्मी में पेयजल की कोई भी व्यवस्था नहीं की गई है नाही किसान को मंडियों में रुकने के लिए या शौचालय के लिए किसी तरह की व्यवस्थाएं हैं सरकार की बड़ी-बड़ी घोषणाएं फिसड्डी होती दिख रही है एक तरफ सरकार कहती है की किसानों के लिए खेती लाभ का धंधा होगी और गेहूं बेचने वाले किसान को मंडी के भीतर हर तरह की सुविधा उपलब्ध मिलेगी परंतु देखने में यह आता है कि इस भीषण गर्मी में जब किसान बेचारा पानी के लिए मारा मारा फिरता है त्राहिमाम त्राहिमाम करता है तो सरकार और उसे क्या देगी जब पीने के लिए पानी ही उपलब्ध नहीं करा पा रही मंडियों के भीतर ऐसा लगता है की सरकारी अधिकारी मदमस्त होकर कुंभकरण की निद्रा में सोए हुए हैं आम जनता मरती है तो मरे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है
*प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मनगवां एवं तहसील प्रांगण मनगवां*
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सारा देश कोविड-19 महामारी से जूझ रहा है हर गांव में तहसील स्तर में एवं जिले स्तर में प्रदेश और देश में लॉकडाउन लगा हुआ है वही वालंटियर एवं स्वास्थ्य अमला और राजस्व विभाग मिलकर लोगों में जन जागरूकता अभियान चला रहे हैं और घर घर में आने वाली समस्याओं का निदान कर रखें लोगों को प्रेरित कर वैक्स नेशन के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पहुंचाया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ देखने में यह भी आता है कि जब आम जनमानस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में वैक्सीनेशन के लिए पहुंचता है और इस भीषण गर्मी में उसे प्यास लगती है तो एक घूंट पानी के लिए तरसता है ऐसी स्थिति में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में तहसील प्रांगण में एवं थाना परिसर के प्रांगण में बाईपास चौराहों में जहां से आम यात्री कोई पैदल मार्च या वाहन से ही आना जाना लगा रहता है कम से कम आम जनमानस पानी की वजह से नहीं मरना चाहिए अधिकारियों से बात की जाए तो अधिकारी यह कह देते हैं कि कोविड-19 चल रहा है ऐसी स्थिति में पेयजल की व्यवस्था करना घातक होगा अगर किसी को पानी पिलाने से या पानी पीने से कोविड-19 हो जाएगा तो फिर सरकार को ना हीवालंटियर की जरूरत पड़ेगी और ना ही किसी भी तरह की व्यवस्था करने की आवश्यकता ही पड़ेगी यह हाल हमारे नगर परिषद मनगवां की कहानी है जिसमें आम जनमानस परेशान हो रहा है और अधिकारी कोविड-19 का हवाला देकर घर में मदमस्त सो रहे हैं
*कोविड-19 चल रहा है पेयजल की आवश्यकता नहीं मुख्य नगरपालिका अधिकारी मनगवां*
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मध्य प्रदेश सरकार के आह्वान पर मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के नेतृत्व में वालंटियर के रूप में कार्य कर रहे अतीत गौतमआस्था की शक्ति समाचार ब्यूरो चीफ रीवा ने मुख्य नगरपालिका अधिकारी मनगवां से दूरभाष पर बात की इस समय पानी की बड़ी दिक्कतें चल रही है प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं तहसील प्रांगण और गेहूं मंडी और चौराहे पर आम जनता पाने के लिए परेशान होती है वहां पेयजल की व्यवस्था कराना उचित होगा तो मुख्य नगरपालिका अधिकारी मनगवां ने कहा की कोविड-19 महामारी चल रही है जिसके कारण पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराना अनुचित होगा और पेयजल की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाएगी ऐसा कलेक्टर की गाइड लाइन में हमें आदेश प्राप्त हुआ है पर उन्होंने आदेश की कोई भी काफी उपलब्ध कराने से इंकार कर दिया और जब इसी संबंध में प्रशासक एसडीएम के पी पांडे जी से बात हुई तो उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर की और कहा कि मुझे इस विषय में कोई भी जानकारी नहीं है अगर ऐसे ही शासन-प्रशासन चलता रहा आम जनता पानी के लिए त्राहिमाम त्राहिमाम करती हुए मर जाएगी
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