मनीष गौतम रीवा
( नवरात्र विशेष ) : माघ गुप्त नवरात्रि में इस बार क्या है खास, जानें नियम, पूजा विधि और ऐसे पाए इच्छित वरदान
या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
अर्थात : जो देवी सब प्राणियों में शक्ति रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है।
MAGH NAVRATRI 2021 : बहुत खास है ये समय, जानें GUPT NAVRATRI में कैसे पूरी होगी आपकी मनोकामना
नवरात्रि देवी दुर्गा की पूजा, भक्ति और सिद्ध शक्तियों की प्राप्ति के लिए सबसे उत्तम दिन माने जाते हैं। साल में चार बार नवरात्रि आती हैं। चैत्र और आश्विन माह के शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से नवमी तक दो प्रकट नवरात्रि होती हैं और माघ व आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक दो गुप्त नवरात्रि होती हैं।
माघ माह में आने वाले गुप्त नवरात्रि 12 फरवरी 2021 (शुक्रवार) से शुरू हो रहे हैं, जबकि इसका मापन 21 फरवरी यानी रविवार के दिन होगा। गुप्त नवरात्रि के नौ दिन तक मां दुर्गा की विधि-विधान से पूजा की जाती है। गुप्त नवरात्रि में सात्विक और तांत्रिक पूजा की जाती है। गुप्त नवरात्रि मुख्य रूप से साधुओं, तांत्रिकों द्वारा मां दुर्गा को प्रसन्न और तंत्र साधना के लिए मनाया जाता है। मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा को गुप्त रखा जाता है, इससे पूजा का फल दोगुना मिलता है।
देवीमाहात्म्यम् (देवी का महात्म्य)- वैदिक सभ्यता मुख्यत: पितृ प्रधान सभ्यता थी बावजूद वैदिक काल में देवियों का स्थान उच्चतम स्तर पर था। “देवी” शब्द का लिखित प्रयोग भी सर्वप्रथम ऋग्वेद में ही प्राप्त होता है। भव्य, चमत्कृत, दिव्य, प्रकाशित आदि इसके अर्थ गृहण किए गये हैं। ऋग्वेद में कुछ उल्लेखनीय देवियों जैसे- अदिति, दिति, पृथ्वी, सरस्वती वाचू आदि का वर्णन प्राप्त होता है।
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