सम्मेलन के तीसरे दिन के मुख्य वक्ता के रूप में जिला एवं सत्र न्यायाधीश रीवा माननीय जस्टिस अरुण कुमार सिंह
*आज 9जनवरी को पधारेंगे रामकथा मर्मज्ञ जस्टिस अरुण कुमार सिंह तीन दिन से बह रही है हनुमाना में कथा त्रिवेणी-- हनुमना-* जज जैसे सम्मानित पोस्ट पर पद आसीन होते हुए भी अपने आराध्य परमात्मा श्री राम के प्रति अटूट आस्था श्रद्धा व विश्वास एवं आम जनमानस के भावनाओं के सम्मान में हनुमना में 7 जनवरी से 11 जनवरी तक चलने वाली ब्रह्मलीन पंडित सूर्य प्रताप मिश्र स्मृति अखिल भारतीय मानस पधार रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि तकरीबन 8 दशक से चले आ रहे हनुमना में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले अखिल भारतीय मानस सम्मेलन में इस वर्ष भी देश के जाने-माने अनेक विद्वानों द्वारा राम कथा की त्रिवेणी बहाई जा रही है जिसमें कामदगिरि चित्रकूट पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामस्वरूप आचार्य जी महाराज ने जहां मानस के अनेक गूढ़ रहस्य को उद्धृत करते हुए जनमानस को कहा कि जिसके जीवन में राम नहीं उसका जीवन किसी काम का नहीं।
तुलसी शोध संस्थान के पूर्व निर्देशक तथा राम कथा से जुड़े अनेक प्रसंगों पर शोध कर चुके अवकाश प्राप्त प्राध्यापक प्रोफेसर अवधेश पांडे ने हनुमत चरित्र पर प्रकाश डालते हुए कलयुग का सर्वसिद्धि प्रद देवता बताया जगतगुरु पूज्य रामानंदाचार्य महाराज के प्रमुख शिष्य पंडित अनूप शास्त्री ने विश्वामित्र एवं वशिष्ठ जैसे ऋषियों की तुलना करते हुए कहा कि दोनों ही याज्ञिक थे लेकिन जहां वशिष्ट जी का यज्ञ विशुद्ध सृष्टि के कल्याणार्थ था जो वास्तव में संत थे वही विश्वामित्र का यज्ञ दंभ पूर्ण था इसीलिए भी वे सफल नहीं थे जब उनका घमंड समाप्त हो गया तब वह भी महामुनी महा ज्ञानी जैसे शब्दों को तिलांजलि दे दी और उन्हें भी ब्राह्मर्षि की उपाधि प्राप्त हो गई तभी उनके जीवन में राम का भी प्राकट्य हो सका। जालौन उत्तर प्रदेश से पधारी साध्वी साक्षी अपने सु मधुर प्रवचनों के माध्यम से जनमानस को आधारित करते हुए श्री राम कथा के विभिन्न पहलुओं को रखा अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद कोतवाल महासभा के राष्ट्रीय संयोजक तांत्रिक पीठाधीश्वर भैरव दास जी महाराज अपने सुमधुर भजनों के माध्यम से जहां परमात्मा के अनेक प्रसंगों को पर उस पर भी कहा कि जब तक मानव भगवान के लिए सर्वस्व समर्पित नहीं कर देता मानो उसके जीवन में अहंकार का अंकुश जरूर पनप रहा है मिर्जापुर आकाशवाणी प्रवक्ता पंडित हरिशंकर अनुरागी ने कहां की जिनके जीवन में राम का प्राकट्य हो गया मानव उसका जीवन धन्य हो गया कार्यक्रम को पंडित राज राखन मिश्र कचनार आदि ने अपने प्रवचनों के माध्यम से आकर्षण का केंद्र जहां बनाए रखा वही कार्यक्रम का सफल संचालन ब्रह्मलीन पंडित सुर्कता मिश्र के सुपुत्र एवं काशी हिंदू विश्वविद्यालय विधि संकाय के प्रवक्ता डॉ नवल किशोर मिश्र ने अपने संचालन कला कौशल के माध्यम से चार चांद लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ा
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संपादक उमेश मिश्रा |
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संवाददाता संपति दासगुप्ता |
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