*चार किसान नेताओं की हत्या की साजिश, किसानों ने एक आरोपी को पकड़ कर पुलिस के हवाले किया, जानें क्या था पूरा षडयंत्र -*
मनीष गौतम रीवा
*चार किसान नेताओं की हत्या की साजिश, किसानों ने एक आरोपी को पकड़ कर पुलिस के हवाले किया, जानें क्या था पूरा षडयंत्र -*
केंद्र सरकार के 3 नए कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ पिछले 2 महीने से प्रदर्शनरत किसानों ने शुक्रवार को बड़ा आरोप लगाया। किसानों का कहना है कि धरनारत किसान संगठनों के चार नेताओं की हत्या करने और ट्रैक्टर परेड के दौरान अशांति पैदा करने की साजिश रची जा रही है। सिंधु बॉर्डर पर देर रात मीडिया से बातचीत करते हुए किसान नेताओं ने एक शख्स को पेश किया। किसान नेताओं ने दावा किया है कि उस शख्स और उसके साथियों को राष्ट्रीय राजधानी में ट्रैक्टर परेड के दौरान कथित तौर पर पुलिसकर्मी बन कर भीड़ पर लाठीचार्ज करने को कहा गया था।
बताते चलें कि हजारों की संख्या में किसान दिल्ली की सीमाओं पर करीब पिछले 2 महीने से डटे हुए हैं। किसानों की मांग है कि सरकार तीनों कृषि सुधार कानूनों को वापस ले। जबकि केंद्र सरकार कानूनों में संशोधन के लिए तैयार है। इस संबंध में किसान संगठनों के प्रतिनिधियों और केंद्र सरकार के मंत्रियों के बीच 10 दौर की बातचीत हो चुकी है। पर फिलहाल कोई नतीजा नहीं निकला है। किसान नेताओं ने चेतावनी दी थी कि अगर 26 जनवरी के पहले केंद्र सरकार कानूनों को वापस नहीं लेती है, तो किसान 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैक्टर परेड करेंगे। इस मामले में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। तब शीर्ष अदालत ने इसे कानून व्यवस्था का मामला बताकर पुलिस को इस पर फैसला लेने के लिए कहा था।
किसान नेताओं ने दावा किया कि उन्होंने सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन स्थल से आरोपी व्यक्ति को पकड़ा है। इसके बाद उसे हरियाणा पुलिस के हवाले कर दिया गया। किसान नेता कुलवंत सिंह संधू ने आरोप लगाया कि कृषि कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन को बाधित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। किसानों ने जिस व्यक्ति को पकड़ने का दावा किया, उसका चेहरा नकाब से ढंका था। उसने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मीडिया में जाना-पहचाना चेहरा बन चुके चार किसान नेताओं को मारने की साजिश रची गई है। आरोपी ने कहा, “26 जनवरी को दिल्ली पुलिस के कर्मियों पर गोली चलाकर अशांति पैदा करने की साजिश रची गई, ताकि इसकी वजह से प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस सख्त कार्रवाई करती।''
नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर हजारों किसान प्रदर्शन कर रहे जिनमें से अधिकतर पंजाब, हरियाणा तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हैं। किसान संगठनों का आरोप है कि नए कृषि कानूनों से मंडी और एमएसपी खरीद प्रणालियां समाप्त हो जाएंगी तथा किसान बड़े कॉरपोरेट घरानों की दया पर निर्भर हो जाएंगे। हालांकि उच्चतम अदालत ने 11 जनवरी को तीनों नए कृषि कानूनों के अमल पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी। शीर्ष अदालत ने गतिरोध को दूर करने के मकसद से चार-सदस्यीय एक समिति का गठन किया था। फिलहाल, इस समिति में तीन ही सदस्य हैं क्योंकि भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान ने खुद को इस समिति से अलग कर लिया था।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें