*हाय रे मनगवां* चारों तरफ भ्रष्टाचार एवं अफसरशाही हावी दो पाटों के बीच में फस गया मनगवां का ""विकास* ""_
अतीत गौतम मनगवां की कलम से
*हाय रे मनगवां* चारों तरफ भ्रष्टाचार एवं अफसरशाही हावी दो पाटों के बीच में फस गया मनगवां का ""विकास* ""_
-------------------------------
रीवा जिले के बहुचर्चित विधानसभा क्षेत्र मनगवां से मध्यप्रदेश विधानसभा में चार चार विधायक पहुंचे हैं जिनकी राजस्व तहसील मनगवां है l
विधानसभा क्षेत्र मनगवां राजस्व तहसील मनगवां के अंतर्गत फोरलेन बाईपास बनने के बाद लगभग प्रतिवर्ष बाईपास चौराहे में 8 से 10 मौत एक्सीडेंट से हुआ करती है मनगवां क्षेत्र की जनता लगातार बाईपास चौराहे में ओवरब्रिज या अंडर ब्रिज की माग मध्य प्रदेश सरकार से करती रही यहां पर से लगभग हजारों बच्चे स्कूल के लिए प्रतिदिन आया जाया करते हैं और इसी तरह हजारों यात्री यहां से गुजरते हैं पर आज तक ना तो सरकार का ध्यान और ना ही मध्यप्रदेश शासन ,यातायात मंत्रालय, किसी की नजर उस बाईपास चौराहे पर पड़ी जहां पर किसी मां की गोद सूनी हो जाती है किसी बहन का भाई बिछड़ जाता है और किसी पत्नी की मांग का सिंदूर उस से छूट जाया करता है आखिर क्यों ऐसा होता है?
बाईपास फोरलेन चौराहे के निर्माण कंपनी मध्य प्रदेश मुखिया के दाहिना अंग माने जाते हैं जिसके कारण ना ही उनसे कलेक्टर बात कर पाते हैं और ना ही एमपीआरडीसी के बड़े अधिकारी ही उनका कुछ कर पाएंगे दिलीप बिल्डकॉन कंपनी के आगे मध्य प्रदेश के समस्त कर्मचारी और नेता मंत्री बौने दिखाई देते हैं जिसके कारण यह बाईपास चौराहा मौत का तांडव करता रहता है कई बार समाचार पत्रों में एवं ज्ञापन के माध्यम से बड़े अधिकारियों को भी जानकारी दी गई पर कोई भी कुछ नहीं कर पाया विधायक और सांसद भी आश्वासन पर आश्वासन देते रहे पर आम जनता को मायूसी ही हाथ लगी l
*मनगवां का ऐतिहासिक मलकपुर तालाब होता जा रहा अस्तित्व विहीन--*
------------------- *----मध्यप्रदेश शासन मलकपुर तालाब पर भू माफियाओं की पैनी नजर---*
*प्रशासनिक अधिकारी साधे रहते हैं चुप्पी , आखिर भू माफियाओं पर व अतिक्रमणकारियों पर क्यों नहीं की जाती कार्यवाही-------?-*
मनगवां क्षेत्र की शान धरोहर मध्यप्रदेश शासन 114 एकड़ का मलकपुर तालाब स्थित है जिसमें मलकपुर तालाब के चारों ओर अतिक्रमणकारियों का कब्जा हो गया है जहां मध्यप्रदेश शासन ने मलकपुर तालाब की जमीन पर कुछ शासकीय भवन निर्मित किए हैं जैसे दूरभाष केंद्र, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान आईटीआई ,नवीन महाविद्यालय, औषधालय एवं तहसील राजस्व मनगवां व सिविल न्यायालय ,गल्ला मंडी, नगर पंचायत मनगवां ,भवनों के बन जाने के उपरांत शेष जमीन पर मलकपुर तालाब का सुंदरीकरण एवं विकास होना चाहिए जबकि ऐसा नहीं है नगर परिषद मनगवां एवं प्रशासनिक अधिकारियों की निष्क्रियता से मलकपुर तालाब को चारों तरफ से अतिक्रमण कर अस्तित्व विहीन किया जा रहा है ?
*शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान की जमीन पर भू माफिया ने किया कब्जा, आखिर क्यों मौन है जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी-----?*
मलकपुर तालाब की जमीन पर निर्मित शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान को शासन द्वारा 17 एकड़ की जमीन दी गई थी जिसमें लगभग 5 एकड़ नवीन महाविद्यालय को शासन द्वारा दे दी गई बची हुई 12 एकड़ की जमीन में भू माफियाओं ने अतिक्रमण कर कब्जा कर लिया है कुछ ही दिन पूर्व शिकायत के उपरांत तहसीलदार मनगवां दीपिका पाव द्वारा कार्यवाही की गई थी परंतु उसके उपरांत मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया जिस जमीन पर अतिक्रमण किया गया था उसका आज दिनांक तक नाप कराकर वापस औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान को सुपुर्द नहीं की गई ना ही उसकी बाउंड्री कराई गई आखिर क्यों कहीं ऐसा तो नहीं कि भू माफियाओं से सौदा तय होने के बाद मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया हो l
*प्राचार्य औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान ( ITI ) मनगवां का कथन!*
10 नवंबर 2020 को जब मैं सुबह ऑफिस में आया जो देखा कि ठीक मेरे जमीन पर कुछ लोगों द्वारा जेसीबी मशीन व डंपर लगाकर मेड को काट दी गया गया है और जमीन को चौड़ी कर दी गई है मेरे द्वारा एसडीएम मनगवां ए.के सिंह, तहसीलदार मनगवां दीपिका पाव ,थाना मनगवां एवं कलेक्टर रीवा व विभागीय संभागीय अधिकारी को पत्र के माध्यम से सूचना दी गई जिस पर तहसीलदार मनगवां द्वारा जेसीबी को जप्त कर लिया गया था पर जमीन आज तक अतिक्रमण मुक्त नहीं हो पाई है
प्रशासनिक अधिकारियों के सुस्त रवैया से ऐसे ही भू माफियाओं एवं अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद रहेंगे तो मनगवां मलकपुर तालाब का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें