सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

जो भी रात में इस मंदिर में रुका, उसकी हुई है मौत, जानें पूरा माजरा

मनीष गौतम 


जो भी रात में इस मंदिर में रुका, उसकी हुई है मौत, जानें पूरा माजरा



मैहर। नवरात्रि के इस पावन पर्व पर आस्था की शक्ति  आपको बता रहा है सतना जिले की मैहर तहसील के पास त्रिकूट पर्वत पर स्थित मैहर देवी के बारे में। मैहर का मतलब है मां का हार। मैहर नगरी से 5 किलोमीटर दूर त्रिकूट पर्वत पर माता शारदा देवी का भी वास है। इस पर्वत की चोटी के मध्य में ही शारदा माता का मंदिर है। 


क्या है मान्यता...



इस मंदिर को लेकर कई तरह की प्राचीन कथाएं प्रचलित हैं। मान्यता हैं कि कोई भी व्यक्ति इस मंदिर में रात को रुक नहीं सकता, अगर कोई रुकता है तो उसकी मृत्यु हो जाती है। इसका कारण है की इस मंदिर में हर रात को आल्हा और उदल नाम के दो चिरंजीवी मां के दर्शन करने आते हैं।


देवी को माई कहकर बुलाते थे आल्हा


क्षेत्रीय लोगों के मुताबिक आल्हा और उदल ने पृथ्वीराज चौहान के साथ युद्ध किया था। दोनों ही शारदा माता के बड़े भक्त थे। इन दोनों ने ही सबसे पहले जंगलों के बीच में शारदा देवी के इस मंदिर की खोज की थी। बाद में आल्हा ने इस मंदिर में 12 वर्षों तक तपस्या कर देवी को प्रसन्न किया था। जब माता ने उन्हें अमरत्व का आशीर्वाद दिया था। आल्हा माता को शारदा माई के नाम से पुकारा करता था। मान्यता है कि माता शारदा के दर्शन हर दिन सबसे पहले आल्हा और उदल ही करते हैं।


प्रसिद्ध है ये मान्यता


मंदिर के पीछे पहाड़ों के नीचे एक तालाब है, जिसे आल्हा तालाब कहा जाता है। तालाब से 2 किलोमीटर और आगे जाने पर एक अखाड़ा भी मिलता है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां आल्हा और उदल कुश्ती लड़ा करते थे।
- रात के समय मंदिर को बंद कर दिया जाता है। कहा जाता है कि इसी समय दोनों भाई मां के दर्शन करने आते हैं। दोनों मिलकर मां का संपूर्ण श्रंगार करके जाते हैं। यही कारण है कि किसी को रात के समय यहां नहीं रुकने दिया जाता। अगर कोई जबरन यहां रुकता हैं तो उसकी मृत्यु हो सकती हैं।
- पूरे भारत में सतना का मैहर मंदिर माता शारदा का अकेला मंदिर हैं। इस पर्वत पर सिर्फ माता का ही मंदिर नहीं है इनके साथ में काल भैरवी, भगवान हनुमान, देवी काली, देवी दुर्गा, गौरी-शंकर, शेष नाग, फूलमती माता, ब्रह्म देव और जलापा देवी की भी पूजा की जाती है।


-त्रिकूट पर्वत पर मैहर देवी का मंदिर भू-तल से 600 फीट की ऊंचाई पर है। इस मंदिर तक जाने वाले मार्ग में तीन सौ फीट तक की यात्रा गाड़ी से भी की जा सकती है।


मां शारदा तक पहुंचने की यात्रा को 4 भागों में बांटा गया है


-प्रथम भाग की यात्रा में 480 सीढिय़ों को पार किया जाता है।
-दूसरे भाग 228 सीढिय़ों का है। इस यात्रा खंड में पानी व अन्य पेय पदार्थों की संपूर्ण व्यवस्था होती है। यहां पर आदेश्वरी माई का प्राचीन मंदिर है।
-तीसरे भाग की यात्रा में 147 सीढ़ियां हैं।
-चौथे और आखिरी भाग में 196 सीढ़ियां पार करनी होती हैं। तब जाकर मां शारदा का मंदिर आता है।


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

इस मंदिर में मौजूद है चमत्कारी मणि दर्शन मात्र से हो जाते हैं सारे कष्ट दूर शिवलिंग दिन में चार बार बदलती है अपना रंग

 डा. मनीष गौतम देवतालाब इस मंदिर में मौजूद है चमत्कारी मणि दर्शन मात्र से हो जाते हैं सारे कष्ट दूर शिवलिंग दिन में चार बार बदलती है अपना रंग Devtalav temple: मध्यप्रदेश में रीवा जिले के देवतालाब में भगवान शिव जी का ऐतिहासिक मंदिर है। जिसमें हर समय श्रद्धालुयों की भारी भीड़ आती है। मां शारदा ज्योतिष केंद्र के ज्योतिषाचार्य डॉ मनीष गौतम महाराज ने बताया कि लाखों लोग देश-विदेश से भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए आते हैं। लेकिन हर साल में सावन माह में तो श्रद्धालयों की भारी भीड़ जमा होती है।  विश्व का इकलौता एक पत्थर का बना मंदिर देवतालाब मंदिर की मान्यता यह है कि इस मंदिर का निर्माण सिर्फ एक रात में हुआ था। ऐसा माना जाता है कि सुबह जब लोगों ने देखा तो यहां पर बहुत बड़ा मंदिर बना हुआ मिला था, लेकिन किसी ने इसको बनते हुआ नहीं देखा। कुछ जानकारों ने बताया कि मंदिर के साथ ही यहां पर अलौकिक शिवलिंग की स्थापना अपने आप हो गई थी। यह शिवलिंग बहुत ही रहस्यमयी है, जो दिन में चार बार अपना रंग बदलती है। एक ही पत्थर का बना हुआ विश्व का यह अद्भुत मंदिर सिर्फ देवतालाब में स्थित है क्या है मंदिर की कह...

मनगवां तहसीलदार का एक नया कारनामा बिना नियम बिना प्रक्रिया के पटवारी सर्वेयर पद दिया चहेतो को

 Atit gautam rewa मनगवां तहसीलदार का एक नया कारनामा बिना नियम बिना प्रक्रिया के पटवारी सर्वेयर पद दिया चहेतो को *सभी पटवारी ने नियम विरुद्ध तरीके से अपने चहेतों को पटवारी सर्वेयर पद पर नियुक्त किया* मनगवां तहसील हमेशा ही भ्रष्टाचार के कारण खबरों में बना रहता है यहां पर कोई भी काम कार्य कानून के अनुसार नहीं होते हैं भ्रष्टाचारी यहां पर अपनी पैठ बनाकर सभी कार्य भ्रष्टाचार एवं पैसे के लेनदेन के माध्यम से करा देते हैं *पटवारी किसी भी कानून से नहीं डरते हैं अपने चहेतो को नियुक्त किया* हाल ही में तहसील मनगवां में समस्त गांव में फसल गिर्दावाली दर्ज किए जाने हेतु पटवारी सर्वेयर की नियुक्ति होने थी किंतु तहसीलदार मनगवां एवं पटवारी की मिली जुली सरकारी ने पटवारी के चहेतों  को इसमें नियुक्त कर दिया गया *नियुक्त प्रक्रिया रखी गई गोपनीय* पटवारी भ्रष्टाचार में कितने माहिर है आपको इस बात से पता चल जाएगा कि इस पद के लिए ना ही किसी को कानों कान खबर होने दी गई ना ही अभ्यर्थियों से आवेदन पत्र मंगाए गए अपने चहेतो को पटवारी ने नियुक्त करके पदों का बंदर बांट कर दिया  *तहसील में सक्रिय है दलाल* ...

विन्ध्य के बड़े नेता बने डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला कद बढ़ा

Manish gautam rewa  *छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय हैं मध्‍य प्रदेश के डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल* *2023 में शिवराज सिंह चौहान सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में भी कार्यभार संभाला।* रीवा। राजेंद्र शुक्ला मध्य प्रदेश के नए उपमुख्यमंत्री होंगे। वह विन्ध्य के पहले ऐसे व्यक्ति होंगे जिन्हें यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिल रही है। वह लगातार पांचवीं बार रीवा से विधायक निर्वाचित हुए हैं। बड़े ब्राह्मण चेहरा हैं, साफ-सुथरी छवि है विकास पुरुष के नाम से जाने जाते हैं। *डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल का जन्म 3 अगस्त 1964 को रीवा में हुआ था* प्रदेश के डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल का जन्म 3 अगस्त 1964 को रीवा में हुआ था। उनके पिता भैयालाल शुक्ला एक ठेकेदार और सामाजिक कार्यकर्ता थे। उन्होंने सरकारी स्कूल से पढ़ाई की और सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज रीवा से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की थी। युवावस्था में ही नेतृत्व के गुण विकसित होने के कारण वे 1986 में सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज छात्र संघ के अध्यक्ष बने थे। वह 1986 में सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज छात्र संघ के अध्यक्ष थे। उन्होंने 1998 के ...