मनीष गौतम
दुर्गा सप्तमी और अष्टमी तिथि को लेकर कंफ्यूजन है? पढ़ें सही तिथि और शुभ मुहूर्त
17 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि की शुरूआत हो चुकी है। कोरोना के बावजूद लोगों में इस त्योहार के लिए खासा उत्साह है। लोग पूरी श्रृद्धा से मां की पूजा अर्चना में लगे हैं। आज नवरात्रि का छठवां दिन है। आज के दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। इस बार एक और स्थिति बनी है जिसने भक्तों को दुविधा में डाला हुआ है। दरअसल इस बार दुर्गा सप्तमी, अष्टमी, महानवमी और दशहरा की तिथियों को लेकर भक्तगण दुविधा में हैं।
क्या कारण है दुविधा का?
अंग्रेजी कैलेंडर के विपरीत ऋषिकेश पंचांग में तिथियों की अवधि 24 घंटे हो ऐसा जरूरी नहीं है। इन तिथियों की अवधि घटती बढ़ती रहती है। अक्सर जब ये तिथियां दो दिन पड़ती हैं तो दो व्रत या त्योहार भी एक ही दिन पड़ जाते हैं। कुछ ऐसा ही संयोग इस बार दुर्गा सप्तमी, अष्टमी, महानवमी और दशहरा की तिथियों को लेकर हुआ है। आइए जानते हैं इसका क्या कारण है।
कब मनाए जाने हैं सप्तमी, अष्टमी, महानवमी और दशहरा
ऋषिकेश पंचांग के अनुसार 23 अक्टूबर, शुक्रवार को सप्तमी की तिथि 12:09 बजे तक है। इसी के तुरंत बाद से अष्टमी की तिथि शुरू हो जाएगी जो 24 अक्टूबर, शनिवार को दिन में 11:27 तक रहेगी। वहीं नवमी की तिथि 25 अक्टूबर, रविवार को दिन में 11:14 बजे तक रहेगी। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, इस साल अष्टमी का व्रत 24 अक्टूबर को रखना उत्तम है। वहीं व्रत का पारण यानी नवमी 25 अक्टूबर को मनाई जाएगी। 25 अक्टूबर की शाम से दशमी तिथि लगने के कारण दशहरा या विजयादशमी का त्योहार भी इसी दिन मनाया जाएगा।
कब कर सकते हैं कन्या पूजन
महाअष्टमी और महानवमी दोनों ही दिन पूजन का विधान है। आप किसी भी दिन कन्या पूजन कर सकते हैं।
कब मनाया जाएगा दशहरा
दशमी तिथि 26 अक्टूबर को सुबह 09:00 बजे तक रहेगी। इसलिए विजयदशमी का पर्व 25 अक्टूबर, रविवार को मनाया जाएगा।
मां दुर्गा मूर्ति विसर्जन
26 अक्टूबर सोमवार को मां का मूर्ति विसर्जन किया जाएगा। इस दिन सुबह 06:29 से 08:43 के बीच मूर्ति विसर्जन कर दें।
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