अतीत गौतम मनगवां
*अब की सरपंच हमहू का बनाई दिहे*
*सामने आने लगे समाजसेवी एवं सामाजिक संगठन ----------*
मनगवां--- पंचायत चुनाव की तिथि की लगभग घोषणा होने के बाद रीवा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में चुनावी बयार बहनी शुरू हो गई है। प्रत्येक गांव के चाय पान की दुकानों पर राजनीतिक चर्चाएं शुरू हो गई हैं। जिले की लगभग सभी ग्राम पंचायतों के आरक्षण की प्रक्रिया भी पूर्व में ही पूरी हो जाने के बाद से प्रत्याशी भी अपनी किस्मत आजमाने के लिए अभी से तैयारियां शुरू कर दिए हैं। जिसके लिए इन दिनों युवा नेता, सामाजिक कार्यकर्ता ज्यादा सामने आ रहे हैं
*181कॉल सेंटर एवं सूचना का अधिकार बना सबसे बड़ा अस्त्र*
आरक्षण की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद से ही गुणा गणित बैठाने के बाद जिन प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतरना है । उन प्रत्याशियों का सबसे बड़ा कर्तव्य पूर्व सरपंच के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही दिलाने के लिए शिकायतों का दौर शुरू हो गया है। जिसने सबसे ज्यादा मुख्यमंत्री ऑनलाइन शिकायत नंबर 181 एवं सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत जानकारी के लिए आवेदन लगाए जा रहे हैं । सरपंच पद के कार्यकाल को 5 वर्ष से ज्यादा समय बीत जाने के बाद अभी तक लगभग कुछ पंचायतों को छोड़कर, किसी भी पंचायत से कोई शिकायत नहीं आ रही थी। लेकिन अब चुनाव नजदीक आते ही अपनी अपनी राजनैतिक एवं सरपंच बनने के लिए रोटियां सेकना उम्मीदवार शुरू कर दिए हैं। इन दिनों गांव के छूट भैया नेता भी हाथों में शिकायती आवेदन लेकर जनपद पंचायत, जिला पंचायत, कलेक्टर रीवा के यहां अक्सर दौड़ लगाया करते हैं । इन लोगों की सबसे ज्यादा शिकायतें ग्राम पंचायतों में हुए हुए भ्रष्टाचार को लेकर होती है जो कहीं ना कहीं राजनैतिक लाभ लेने के लिए एवं भोले-भाले मतदाताओं को लुभाने के लिए होती है। आज जो व्यक्ति सबसे ज्यादा निवर्तमान सरपंच को परेशान कर लेगा कल वही चुनाव में जीत हासिल करेगा यह लोगों की लोगों की भ्रांतियां हैं जो ग्रामीण क्षेत्रों के चुनाव में झगड़े का कारण बनती हैं।
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