आप भगवान राम की अद्भुत शक्ति देखिए,इमारतें नष्ट कर दी गईं, अस्तित्व मिटाने का प्रयास भी बहुत हुआ, लेकिन राम आज भी हमारे मन में बसे हैं, हमारी संस्कृति का आधार हैं-PM मोदी*
आस्था की शक्ति मनीष गौतम रीवा
आप भगवान राम की अद्भुत शक्ति देखिए,इमारतें नष्ट कर दी गईं, अस्तित्व मिटाने का प्रयास भी बहुत हुआ, लेकिन राम आज भी हमारे मन में बसे हैं, हमारी संस्कृति का आधार हैं-PM मोदी*
यहां आने से पहले, मैंने हनुमानगढ़ी का दर्शन किया।
राम के सब काम हनुमान ही तो करते हैं,राम के आदर्शों की कलियुग में रक्षा करने की जिम्मेदारी भी हनुमान जी की ही है,हनुमान जी के आशीर्वाद से श्री राममंदिर भूमिपूजन का ये आयोजन शुरू हुआ है-PM
श्रीराम का मंदिर हमारी संस्कृति का आधुनिक प्रतीक बनेगा, हमारी शाश्वत आस्था का प्रतीक बनेगा, हमारी राष्ट्रीय भावना का प्रतीक बनेगा,और ये मंदिर करोड़ों-करोड़ लोगों की सामूहिक संकल्प शक्ति का भी प्रतीक बनेगा-PM
इस मंदिर के बनने के बाद अयोध्या की सिर्फ भव्यता ही नहीं बढ़ेगी, इस क्षेत्र का पूरा अर्थतंत्र भी बदल जाएगा,यहां हर क्षेत्र में नए अवसर बनेंगे, हर क्षेत्र में अवसर बढ़ेंगे,सोचिए, पूरी दुनिया से लोग यहां आएंगे, पूरी दुनिया प्रभु श्री राम और माता जानकी का दर्शन करने आएगी- PM
राम मंदिर के निर्माण की ये प्रक्रिया, राष्ट्र को जोड़ने का उपक्रम है।
ये महोत्सव है-
विश्वास को विद्यमान से जोड़ने का।
नर को नारायण से, जोड़ने का।
लोक को आस्था से जोड़ने का।
वर्तमान को अतीत से जोड़ने का।
और स्वयं को संस्कार से जोड़ने का-pm
आज का ये दिन करोड़ों रामभक्तों के संकल्प की सत्यता का प्रमाण है।
आज का ये दिन सत्य, अहिंसा, आस्था और बलिदान को न्यायप्रिय भारत की एक अनुपम भेंट है- PM
इसी मर्यादा का अनुभव हमने तब भी किया था जब माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाया था।
हमने तब भी देखा था कि कैसे सभी देशवासियों ने शांति के साथ, सभी की भावनाओं का ध्यान रखते हुए व्यवहार किया था ।
आज भी हम हर तरफ वही मर्यादा देख रहे हैं-PM
कोरोना से बनी स्थितियों के कारण भूमिपूजन का ये कार्यक्रम अनेक मर्यादाओं के बीच हो रहा है,श्रीराम के काम में मर्यादा का जैसा उदाहरण प्रस्तुत किया जाना चाहिए, देश ने वैसा ही उदाहरण प्रस्तुत किया है-PM
जैसे पत्थरों पर श्रीराम लिखकर रामसेतु बनाया गया, वैसे ही घर-घर से,गांव-गांव से श्रद्धापूर्वक पूजी शिलाएं, यहां ऊर्जा का स्रोत बन गई हैं।
देश भर के धामों और मंदिरों से लाई गई मिट्टी और नदियों का जल, वहां के लोगों,वहां की संस्कृति और वहां की भावनाएं,आज यहां की शक्ति बन गई हैं-PM
जिस तरह दलितों-पिछ़ड़ों-आदिवासियों, समाज के हर वर्ग ने आजादी की लड़ाई में गांधी जी को सहयोग दिया,
उसी तरह आज देशभर के लोगों के सहयोग से राम मंदिर निर्माण का ये पुण्य-कार्य प्रारंभ हुआ है-PM
इस मंदिर के साथ सिर्फ नया इतिहास ही नहीं रचा जा रहा, बल्कि इतिहास खुद को दोहरा भी रहा है।
जिस तरह गिलहरी से लेकर वानर और केवट से लेकर वनवासी बंधुओं को भगवान राम की विजय का माध्यम बनने का सौभाग्य मिला- PM
इस मंदिर के साथ सिर्फ नया इतिहास ही नहीं रचा जा रहा, बल्कि इतिहास खुद को दोहरा भी रहा है,जिस तरह गिलहरी से लेकर वानर और केवट से लेकर वनवासी बंधुओं को भगवान राम की विजय का माध्यम बनने का सौभाग्य मिला- PM
श्री रामचंद्र को तेज में सूर्य के समान,
क्षमा में पृथ्वी के तुल्य,
बुद्धि में बृहस्पति के सदृश्य.
और यश में इंद्र के समान माना गया है।
श्रीराम का चरित्र सबसे अधिक जिस केंद्र बिंदु पर घूमता है, वो है सत्य पर अडिग रहना।
इसीलिए ही श्रीराम संपूर्ण हैं- PM
श्रीराम ने सामाजिक समरसता को अपने शासन की आधारशिला बनाया था।
उन्होंने गुरु वशिष्ठ से ज्ञान,
केवट से प्रेम,
शबरी से मातृत्व,
हनुमानजी एवं वनवासी बंधुओं से सहयोग और
प्रजा से विश्वास प्राप्त किया।
यहां तक कि एक गिलहरी की महत्ता को भी उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया-PM
उनका अद्भुत व्यक्तित्व,
उनकी वीरता, उनकी उदारता
उनकी सत्यनिष्ठा, उनकी निर्भीकता,
उनका धैर्य, उनकी दृढ़ता,
उनकी दार्शनिक दृष्टि युगों-युगों तक प्रेरित करते रहेंगे।
राम प्रजा से एक समान प्रेम करते हैं लेकिन गरीबों और दीन-दुखियों पर उनकी विशेष कृपा रहती है-PM
जीवन का ऐसा कोई पहलू नहीं है, जहां हमारे राम प्रेरणा न देते हों।
भारत की ऐसी कोई भावना नहीं है जिसमें प्रभु राम झलकते न हों।
भारत की आस्था में राम हैं, भारत के आदर्शों में राम हैं!
भारत की दिव्यता में राम हैं, भारत के दर्शन में राम हैं-PM
मुझे विश्वास है कि श्रीराम के नाम की तरह ही अयोध्या में बनने वाला ये भव्य राममंदिर भारतीय संस्कृति की समृद्ध विरासत का द्योतक होगा।
मुझे विश्वास है कि यहां निर्मित होने वाला राममंदिर अनंतकाल तक पूरी मानवता को प्रेरणा देगा- PM
हमें ये भी सुनिश्चित करना है कि भगवान श्रीराम का संदेश, राममंदिर का संदेश, हमारी हजारों सालों की परंपरा का संदेश, कैसे पूरे विश्व तक निरंतर पहुंचे,कैसे हमारे ज्ञान, हमारी जीवन-दृष्टि से विश्व परिचित हो, ये हमारी, हमारी वर्तमान और भावी पीढ़ियों की ज़िम्मेदारी है-PM
राम समय, स्थान और परिस्थितियों के हिसाब से बोलते हैं, सोचते हैं, करते हैं,राम हमें समय के साथ बढ़ना सिखाते हैं, चलना सिखाते हैं,राम परिवर्तन के पक्षधर हैं, राम आधुनिकता के पक्षधर हैं,उनकी इन्हीं प्रेरणाओं के साथ, श्रीराम के आदर्शों के साथ भारत आज आगे बढ़ रहा है-PM
हमें ध्यान रखना है, जब जब मानवता ने राम को माना है विकास हुआ है, जब जब हम भटके हैं विनाश के रास्ते खुले हैं!
हमें सभी की भावनाओं का ध्यान रखना है।
हमें सबके साथ से, सबके विश्वास से, सबका विकास करना है- PM
प्रभु श्रीराम ने हमें कर्तव्यपालन की सीख दी है, अपने कर्तव्यों को कैसे निभाएं इसकी सीख दी है!
उन्होंने हमें विरोध से निकलकर, बोध और शोध का मार्ग दिखाया है!
हमें आपसी प्रेम और भाईचारे के जोड़ से राममंदिर की इन शिलाओं को जोड़ना है-PM
मुझे विश्वास है, हम सब आगे बढ़ेंगे, देश आगे बढ़ेगा!
भगवान राम का ये मंदिर युगों-युगों तक मानवता को प्रेरणा देता रहेगा, मार्गदर्शन करता रहेगा- PM
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