आज है हलछठ पूजन महिलाएं करेंगी पूजा अर्चना हल छठ के दिन सभी माताएं पुत्र की लंबी आयु की कामना के लिए व्रत रखती हैं।
मनीष गौतम रीवा
आज है हलछठ पूजन महिलाएं करेंगी पूजा अर्चना
हल छठ के दिन सभी माताएं पुत्र की लंबी आयु की कामना के लिए व्रत रखती हैं। यह दिन भगवान कृष्ण के ज्येष्ठ भ्राता बलराम जी की जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस दिन बलराम जी का जन्म हुआ था और उनका मुख्य शस्त्र हल था इसलिए इसे हल छठ भी कहते हैं। आइए जानते हैं कैसे रखा जाता है यह व्रत और क्या है इसकी पूजन विधि…
क्या है हलषष्ठी का व्रत
भाद्र मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी को हल षष्ठी कहते हैं। कई जगहों पर हल छठ, ललही छठ या फिर तिनछठी भी कहा जाता है। इस व्रत में हल से जुती हुई अनाज व सब्जियों का सेवन नहीं किया जाता है। इसलिए महिलाएं इस दिन तालाब में उगे पसही या तिन्नी के चावल खाकर व्रत रखती हैं। इस व्रत में गाय का दूध व दही इस्तेमाल में नहीं लाया जाता है। इस दिन महिलाएं भैंस के दूध, घी और दही इस्तेमाल करती है।
होती है इस दिन बैल की पूजा
किसानों के घर में इस दिन हल की और बैल की पूजा की जाती है। महिलाएं पुत्र की रक्षा के लिए पूरे दिन व्रत रखती हैं और शाम को तिन्नी के चावल खाकर पारण करती हैं।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें