मनीष गौतम की कलम से
*राम मंदिर भूमि पूजन में दलित महामंडलेश्वर को नहीं बुलाने पर विवाद, मायावती ने भी जताई नाराजगी*
खबरों के अनुसार अयोध्या राम मंदिर के भूमि पूजन में दलित महामंडलेश्वर स्वामी प्रभुनन्दन कन्हैया गिरि खुद को बुलाया न जाने से न सिर्फ नाराज हैं, बल्कि उन्होंने आयोजन को लेकर भी गंभीर सवाल उठाए हैं। स्वामी कन्हैया गिरि ने कहा कि पहले मंदिर निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट में किसी दलित को जगह नहीं दी गई और उसके बाद अब भूमि पूजन समारोह में भी समुदाय की उपेक्षा की जा रही है।
मामले में मायावती ने भी ट्विटर के ज़रिए इंट्री लेते हुए ट्वीट किया 'दलित महामंडलेश्वर स्वामी कन्हैया प्रभुनन्दन गिरि की शिकायत के मद्देनजर यदि अयोध्या में 5 अगस्त को होने वाले भूमिपूजन समारोह में अन्य 200 साधु-सन्तों के साथ इनको भी बुला लिया गया होता तो यह बेहतर होता। इससे देश में जातिविहीन समाज बनाने की संवैधानिक मंशा पर कुछ असर पड़ सकता था।'
उन्होंने आगे लिखा, "वैसे जातिवादी उपेक्षा, तिरस्कार और अन्याय से पीड़ित दलित समाज को इन चक्करों में पड़ने के बजाए अपने उद्धार हेतु श्रम/कर्म में ही ज्यादा ध्यान देना चाहिए और इस मामले में भी अपने मसीहा परमपूज्य बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के बताए रास्ते पर चलना चाहिए, यही बीएसपी की इनको सलाह है।"
गौरतलब है कि दलित महामंडलेश्वर स्वामी कन्हैया प्रभु नंदन गिरि ने अयोध्या में 5 अगस्त को प्रस्तावित कार्यक्रम पर सवाल उठाने के साथ दलितों की उपेक्षा का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में होने वाले समारोह में जिन 200 खास मेहमानों को बुलाए जाने की संभावना है, उनमें दलित महामंडलेश्वर का नाम नहीं है और अभी तक उन्हें कोई न्यौता भी नहीं मिला है।
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