मध्य प्रदेश के उज्जैन में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए महाकाल मंदिर प्रशासन ने राज्य के बाहर के लोगों के मंदिर में प्रवेश पर रोक लगा दी है। अब केवल प्रदेश के निवासी ही मंदिर में प्रवेश और महाकाल के दर्शन कर पाएंगे।
आस्था की शक्ति मनीष गौतम रीवा
मध्य प्रदेश के उज्जैन में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए महाकाल मंदिर प्रशासन ने राज्य के बाहर के लोगों के मंदिर में प्रवेश पर रोक लगा दी है। अब केवल प्रदेश के निवासी ही मंदिर में प्रवेश और महाकाल के दर्शन कर पाएंगे।
एमपी के उज्जैन में कोरोना संक्रमित मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए महाकालेश्वर मंदिर प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है। मंदिर में दूसरे राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। अगली व्यवस्था तक केवल मध्य प्रदेश के लोग ही भगवान महाकाल के दर्शन कर पाएंगे।
मंदिर प्रशासन ने यह फैसला शनिवार को लिया है। फैसले के पीछे उज्जैन में कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाले मरीजों की संख्या में लगातार हो रहे इजाफे को कारण बताया गया है।
इससे पहले शुक्रवार को महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति को भंग किया गया था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की उज्जैन से वापसी के थोड़ी देर बाद ही राज्य शासन के आदेश से समिति के अशासकीय सदस्य पंडित आशीष गुरु, दीपक मित्तल और विजय शर्मा को हटाया गया था। मुख्यमंत्री कोरोना समीक्षा बैठक के लिए उज्जैन पहुंचे थे। उन्होंने महाकाल मंदिर में दर्शन भी किए थे।
बता दें कि कोरोना वायरस के चलते लगाए गए लॉकडाउन के बाद 21 मार्च को महाकाल मंदिर को भक्तों के लिए बंद कर दिया गया था। 78 दिनों तक बंद रहने के बाद 8 जून को इसे दोबारा खोला गया। मंदिर प्रशासन के नए आदेश के तहत इसे पूरी तरह बंद तो नहीं किया गया, लेकिन राज्य के बाहर के श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।
उज्जैन कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले में प्रदेश में सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल है। जिले में अब तक कुल 942 संक्रमित मरीज मिल चुके हैं और 71 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। जिले में 798 लोग हालांकि संक्रमण के बाद ठीक भी हो चुके हैं।
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