भगवन की इस भविष्यवाणी पर भक्तों द्वारा घरों में प्रकृति देवी की उपासना*
मध्यप्रदेश रीवा के बहुती प्रपात में साढ़े 42 वर्षों से श्री अर्धनागेश्वर महादेव एवं आदि शक्ति के रूप में इस कलयुगी शरीर में मूल प्रकृति के ही गोद में आसीन हैं।
बतातें चलें कि भगवन द्वारा पूर्व मे संसार को लेकर अनेक प्रकार की भविष्यवाणियां की गई है जो अक्षरसः घटित हु और वर्तमान में भी कोरोना रूपी प्रलय घटित होता दिख रहा है। अक्षय तृतीय त्यौहार पर वैश्विक कोरोना महामारी से बचने के लिए प्रभु जी ने जो भविष्यवाणी की है उसके अनुसार भगवन ने तीन मई को रसोई में चार प्रकार के भोजन शामिल करें जिसमें खाद्य, चाट्य,चाव्य और पेय चार प्रकार के भोजन बनाएं। खाद्य में रोटी ,चावल, दाल या पूड़ी, सब्जी ,खीर बगैर नमक के कुछ भी बना ले । चाब्य में चना, लइया ,मटर इस प्रकार के अन्न सम्मिलित करें, चाट्य में चटनी की तरह चाटने वाले( जैसे टमाटर की चटनी या मधु) तथा पेय में छाछ, दूध या फलों का रस( जैसे आम का रस) सम्मलित करे लेकिन इसमें सावधानी रखनी है कि भोजन मे नमक नहीं होगा, उसके बाद उसमें बेलपत्र या तुलसी दल डालकर (1)कौमारी,(2)भवानी,(3)इंद्राणी ,(4)वरुणानी,(5)यक्षाणी,(6)महेश्वाणी (7)रुद्राणी,(8) शैलजा, (9)पृथ्वी का आवाहन करते हुए बनाये गए व्यंजनों को उन्हें अर्पित करें।
फिर प्रसाद को ग्रहण करें और पुण्य लाभ प्राप्त करे।
प्रभु सेवक पंडित घनश्याम शुक्ल शास्त्री ने बताया कि आज देश और दुनिया के लाखों भगवन भक्तों ने प्रकृति की नौ देवियों को व्यंजनों का भोग लगाकर प्रसाद ग्रहण किया बताया कि प्रधानमंत्री के लाकडाऊन निर्देशों का पालन करते हुए सभी घरों में ही रहकर प्रकृति देवी की उपासना किया।
खुद के साथ जगत के कल्याण की कामना किया है।
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