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अक्षय तृतीया के दिन ही द्वापर युग का समापन हुआ था और त्रेता युग का आरंभ। भूलकर भी न करें ये काम- अक्षय तृतीया के दिन

 संवाददाता मनीष गौतम रीवा 


कोरोना का कहर शादियां हुई कैंसिल बाजार को करोड़ों का नुकसान 


करोना का कहर अक्षय तृतीया पर भी देखा जा रहा है जहां इस दिन लाखों शादियां होती थी एवं बाजारों का में करोड़ों का कारोबार  होता था  lockdown की वजह से सोशल गैदरिंग बंद है एवं बाजार भी नहीं खुल रहे हैं अक्षय तृतीया का त्योहार इस वर्ष 26 अप्रैल को मनाया जाएगा। कहते हैं कि अक्षय तृतीया का अर्थ होता है ऐसी तारीख जिसका कभी भी क्षय यानि खत्म ना होना। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। कहा जाता है कि भगवान प्रसन्न हो मन वांछित फल देते हैं। कहा जाता है कि इस दिन भगवान नर और नारायण, भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम जी का अवतार हुआ था। वहीं हयग्रीव का अवतार भी आज ही के दिन हुआ था।
इस दिन शादी -विवाह के मुहूर्त भी बिना किसी पंचांग को देखे तय किए जाते हैं। इस बार कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण अक्षय तृतीया पर विवाह आदि नहीं हो पाएंगे। वहीं इस दिन सोना खरीदने का भी शुभ दिन होता है वो भी कोरोना वायरस  लॉकडाउन के कारण फीका रहेगा। इस दिन लोग सुबह सेवेरे उठकर स्नान करके भगवान श्री हरि की पूजा करते हैं। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार अक्षय तृतीया की तिथि को बेहद खास तिथि माना जाता है। इस तिथि से कई धार्मिक तिथि जुड़ी हुई है। अक्षय तृतीया पर ही बदरीनाथ मंदिर के कपाट खुलते हैं। वृंदावन में बांकेबिहारी के चरणों के दर्शन भी केवल इसी दिन होते हैं। सृष्टिकर्ता ब्रह्मा जी के पुत्र अक्षय कुमार का जन्म भी इसी दिन हुआ था। अक्षय तृतीया के दिन ही द्वापर युग का समापन हुआ था और त्रेता युग का आरंभ।
भूलकर भी न करें ये काम-
अक्षय तृतीया के दि पुण्य की तरह व्यक्ति के द्वारा किए गए पाप,अत्याचार, और किसी को पहुंचाई गई पीड़ा आदि के द्वारा कमाए गए पाप कर्म के परिणाम भी अक्षुण रहते हैं। 
मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन यदि कोई गलत काम किया जाता है तो व्यक्ति को उस पाप का फल अपने हर जन्म में भोगना पड़ता है। अक्षय तृतीया के दिन व्रती को किसी भी तरह के नमक फिर चाहे वो सेंधा नमक ही क्यों न हो उसका सेवन नहीं करना चाहिए।


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