*ऐसा शास्त्र वचन है* कि मनुष्यों के कुल भार से 20 गुना से अधिक भार *पशुओं_जलचर_नभचर_सांप* आदि का होना चाहिए तभी मनुष्य पृथ्वी पर रह सकता है।
यह अनुपात असंतुलित होते ही प्रकृति आपदा द्वारा मनुष्य का विनाश रच देती है। इसलिए पशु हिंसा पृथ्वी को बहुत ही गहरा आघात पहुंचाती है।
पृथ्वी को इसीलिए गौ कहा गया है, क्योंकि गौ पर अत्याचार सीधा पृथ्वी पर अत्याचार है। गाय की हत्या कितनी घातक होती है यह बताने की जरूरत नहीं है। हत्या किए जा रहे पशु की आह से सारी समष्टि चेतना चीत्कार करती है, शास्त्रों में साफ साफ आया है कि यह आह ही भूकम्प तूफान महामारी बनकर अपना बदला लेती है।
सारे देवी देवताओं के वाहन भी पशु हैं और पशुओं के प्रति अपनत्व सिखाते हैं।
सर्पों का इस संसार की रचना में बहुत ही गहरा योगदान होता है, इन्हीं विषधर नागों से पृथ्वी स्थिर है, महादेव यूँ ही सर्पों को गले में लिपटाकर नहीं रखते, विष्णु जी यूँ ही शेषनाग की छाया में नहीं रहते, इसलिए पुराण पृथ्वी को शेषनाग के फण पर टिका बताता है।
नाग धर्म को स्थिर बनाए रहता है, इसलिए सारे देवमन्दिरों की रक्षा का भार भी नागों पर ही होता है। पद्मनाभस्वामी मन्दिर का खजाना भी इन्हीं की छत्रछाया में है। नाग की हत्या जन्म जन्मांतर तक वर्ष तक भी पीछा नहीं छोड़ती, जिसके नागदोष होता है उसे असहनीय कष्ट होता है।
मनुष्य के जीवन को इसीलिए ज्योतिष "कुण्डली" कहती है जो सर्प का कठोर बंधन होती है। इसलिए सर्प को पूजने का हमेशा हिंदुओं ने यत्न किया है। जबकि चीन जैसा देश सर्पों की हत्या कर उन्हें खा रहा था, सारा यूरोप गौमांस खा कर अपनी बर्बादी को निमंत्रण दे रहा था। सर्पहत्या, गौहत्या और पशुवध के वीभत्स पाप का घड़ा भरता है तो बिना आहट किए काल बनकर निगल जाता है। इससे स्पष्ट प्रमाण पृथ्वी नहीं दे सकती, जागरूक बनिये। मांसाहार त्यागिये, मन में जीव जन्तुओं के प्रति करुणा रखिये।
नारायण मंगल करेंगे।
*आनंदम्* 🙏🏻
इस मंदिर में मौजूद है चमत्कारी मणि दर्शन मात्र से हो जाते हैं सारे कष्ट दूर शिवलिंग दिन में चार बार बदलती है अपना रंग
डा. मनीष गौतम देवतालाब इस मंदिर में मौजूद है चमत्कारी मणि दर्शन मात्र से हो जाते हैं सारे कष्ट दूर शिवलिंग दिन में चार बार बदलती है अपना रंग Devtalav temple: मध्यप्रदेश में रीवा जिले के देवतालाब में भगवान शिव जी का ऐतिहासिक मंदिर है। जिसमें हर समय श्रद्धालुयों की भारी भीड़ आती है। मां शारदा ज्योतिष केंद्र के ज्योतिषाचार्य डॉ मनीष गौतम महाराज ने बताया कि लाखों लोग देश-विदेश से भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए आते हैं। लेकिन हर साल में सावन माह में तो श्रद्धालयों की भारी भीड़ जमा होती है। विश्व का इकलौता एक पत्थर का बना मंदिर देवतालाब मंदिर की मान्यता यह है कि इस मंदिर का निर्माण सिर्फ एक रात में हुआ था। ऐसा माना जाता है कि सुबह जब लोगों ने देखा तो यहां पर बहुत बड़ा मंदिर बना हुआ मिला था, लेकिन किसी ने इसको बनते हुआ नहीं देखा। कुछ जानकारों ने बताया कि मंदिर के साथ ही यहां पर अलौकिक शिवलिंग की स्थापना अपने आप हो गई थी। यह शिवलिंग बहुत ही रहस्यमयी है, जो दिन में चार बार अपना रंग बदलती है। एक ही पत्थर का बना हुआ विश्व का यह अद्भुत मंदिर सिर्फ देवतालाब में स्थित है क्या है मंदिर की कह...
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