*⚫*से.नि.सहायक प्राध्यापक रवि द्विवेदी के शिक्षक पुत्र का दुखद निधन**
*हनुमना में शोक की लहर*
हनुमना- नगर परिषद हनुमना भाठी निवासी शिक्षक ओकेश्वर द्विवेदी उम्र 42 वर्ष का विंध्या हॉस्पिटल रीवा में उपचार के दौरान कल दिनांक 5 जनवरी सायं 7:00 बजे निधन हो गया। विदित हो कि श्री द्विवेदी देवसर जिला सिंगरौली विद्यालय में शिक्षक पद पर पदस्थ थे।
और वही उनका स्वास्थ्य खराब चल रहा था घरवालों को जब जानकारी हुई।
तब आनन-फानन में देवसर सीधी होते हुए रीवा विंध्या हॉस्पिटल में दिनांक 4 को भर्ती कि उन्हें हाई डायबिटीज एवं लो ब्लड प्रेशर की बीमारी डॉक्टरों ने बताया और उसी का इलाज कर रहे थे।
परन्तु कंट्रोल न कर पाने के कारण कल सायं दिनांक 5 सायं 5:00 बजे जबलपुर के लिए डॉक्टरों ने रिफर किए एंबुलेंस से कुछ दूर ले जाने पर स्थित और और गंभीर देखते हुए डॉक्टर पुनः वापस लाएं और हॉस्पिटल में इलाज करना प्रारंभ किए लेकिन नियती के सामने ओकेश्वर द्विवेदी सायं 7:00 बजे सांस थम गई। उनके निधन का समाचार सुनकर कर उनके परिजनों और शुभचिंतकों में कोहराम मच गया आज दिनांक 6 जनवरी दिन सोमवार को उनके पैतृक गृह ग्राम में भाठी हनुमना में आज उनका अंतिम संस्कार किया गया है।
विदित हो कि स्वर्गीय श्री
ओकेश्वर द्विवेदी मऊगंज से सेवानिवृत्त सहायक प्राध्यापक रवि प्रताप द्विवेदी के ज्येष्ठ पुत्र थे। जो अपने पीछे माता पिता भाई पत्नी एवं बच्चों को इस उम्र में छोड़कर इस दुनिया से चले गये।
उनके दुःखद निधन पर हनुमना मे शोक की लहर दौड़ गई।
इस मंदिर में मौजूद है चमत्कारी मणि दर्शन मात्र से हो जाते हैं सारे कष्ट दूर शिवलिंग दिन में चार बार बदलती है अपना रंग
डा. मनीष गौतम देवतालाब इस मंदिर में मौजूद है चमत्कारी मणि दर्शन मात्र से हो जाते हैं सारे कष्ट दूर शिवलिंग दिन में चार बार बदलती है अपना रंग Devtalav temple: मध्यप्रदेश में रीवा जिले के देवतालाब में भगवान शिव जी का ऐतिहासिक मंदिर है। जिसमें हर समय श्रद्धालुयों की भारी भीड़ आती है। मां शारदा ज्योतिष केंद्र के ज्योतिषाचार्य डॉ मनीष गौतम महाराज ने बताया कि लाखों लोग देश-विदेश से भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए आते हैं। लेकिन हर साल में सावन माह में तो श्रद्धालयों की भारी भीड़ जमा होती है। विश्व का इकलौता एक पत्थर का बना मंदिर देवतालाब मंदिर की मान्यता यह है कि इस मंदिर का निर्माण सिर्फ एक रात में हुआ था। ऐसा माना जाता है कि सुबह जब लोगों ने देखा तो यहां पर बहुत बड़ा मंदिर बना हुआ मिला था, लेकिन किसी ने इसको बनते हुआ नहीं देखा। कुछ जानकारों ने बताया कि मंदिर के साथ ही यहां पर अलौकिक शिवलिंग की स्थापना अपने आप हो गई थी। यह शिवलिंग बहुत ही रहस्यमयी है, जो दिन में चार बार अपना रंग बदलती है। एक ही पत्थर का बना हुआ विश्व का यह अद्भुत मंदिर सिर्फ देवतालाब में स्थित है क्या है मंदिर की कह...
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