परिवहन चौकी सेंघवा पर बसों के जरिए जारी अवैध कारोबारियों का खेल? भोपाल प्रदेश सीमाओं पर स्थापित परिवहन की चौकियों मे लगभग बीस से अधिक चौकियों पर पदस्थापना के लिए विभाग अधिकारियों कर्मचारियों में नहीं इन अधिकारियों के द्वारा पोषित निजि लाठौतों सहित आरक्षक, प्रधान आरक्षक हर किसी का यह प्रयास रहता है
कि उसकी विभाग की सबसे ज्यादा कमाई बाली चौकियों सुमार बडवानी जिले की सीमा पर स्थापित सेवा चौकी पर पदस्थापना हो। क्योंकि इस चौकी से जहां सौकडों की संख्या में गुजरने बाले वाहनों से होने बाली अवैध बसूली की कमाई का हिस्सा मिलता ही है। वहीं इस सेंधवा चौकी से प्रतिदिन मुम्बई, पुना आदि जैसे महानगरों के लिए जाने बाली लग्जरी बसों भी भारी तादाद में इस सेंधवा परिवहन चौकी से गुजराती हैं इन बसों के माध्यम से भारी मात्रा में लगेज के नाम पर जो सामान आता जाता है। उसमें से अधिकांश गैर कानूनी सामान भी होता है। भाजपा की सरकार ही चौदह बर्ष के शिवराज सिंह चौहान के शासनकाल में लगेज के नाम पर गैरकानूनी सामन के इन बसों से लाने लेजाने पर रोक लगा दी गई थी। मगर फिर भी बसों के माध्यम से लगेज के नाम पर गैरकानूनी सामान लाने लेजाने के कारोबार बंद नहीं हुआ और बेधडक चलता रहा।नियमानुसार बसों पर लाने जाने बाले हर सामान परिवहन चौकी पर जांच होने चाहिए मगर सेंधवा चौकी पर तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों के द्वारा यहां गुजरने बाली किसी भी बस के उपर रखे सामान की जांच तक नहीं की जाती है। इसकी एवज में सेंधवा चौकी पर तैनात प्रभारी को इन बस मालिकों से प्रतिमाह अच्छी खासी कमाई होती है? चौकी पर से गुजरने बाले बसों से लगेज के रुप में लाने लेजाने बाले सामान की जांच नहीं होने को लेकर तरह तरह की चर्चाएं लोग चटखारे लेकर करते नजर आते हैं? वही इस तरह की अशंकाएं व्यक्त की जारही हैं कि लगेज के सामान की ठीक से जांच होने से लगेज के सामान के रुप में नशे का कारोबार भी फलफूल सकता है तो वही और गैरकानूनी सामान आसानी लाया लेजाया जा सकता है? परिवहन आयुक्त को सेंधवा सहित प्रदेश की अन्य परिवहन चौकियों पर से गुजरने बाले भारी मात्रा में बसों के उपर लगेज लाने लेजाने पर रोक लगाने पर कारगर कदम उठाने चाहिए।
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