पशुचिकित्सा विभाग गंगेव नहीं उपलब्ध हो पा रही उपयुक्त दवाइयां...
पशुओं को विधिवत चिकित्सा उपलब्ध कराने एवं नए उन्नत किस्म के जातक को तैयार करने के लिए जहां मध्यप्रदेश सरकार की वर्षों पहले से चल रही
पशुधन संजीवनी हेल्पलाइन नंबर 1962 से हर व्यक्ति अपने पशु की चिकित्सा पद्धति पर बेहतर ध्यान दे सकता है तो वहीं वर्षों से चल रही फ्री सेवा को वर्तमान मध्यप्रदेश सरकार के द्वारा शुल्क बद्ध कर दिया गया है।
आपको बता दें की आज ऐसा ही मामला रीवा जिले के जनपद पंचायत गंगेव अंतर्गत ग्राम पंचायत मदरी में संतोष शुक्ला के घर में देखने को मिला
पशुधन संजीवनी में शिकायत दर्ज करने पर पहुंचे चिकित्सा अधिकारी
पशुधन संजीवनी 1962 टोल फ्री नम्बर पर सुबह फ़ोन करने पर गंगेव चिकित्सा अधिकारी राजेश प्रसाद का मोबाइल नम्बर उपलब्ध कराया गया तथा मिली जानकारी के तहत भैंस का प्राकृतिक गर्भाधान उन्नत किस्म के भैंसे से कराया गया, बाद में काफ़ी मसक्कत के बाद गंगेव पशुचिकित्सा विभाग के चिकित्सा अधिकारी राजेश प्रशाद अपनी टीम के साथ भैंस को प्राथमिक दवाई उपलब्ध कराने पहुंचे लेकिन विभागीय अधिकारी के द्वारा बताया गया कि #Duraprogen दवा की जरूरत भैंस को गर्भ धारण करने के लिए उपयोगी है, औऱ यह दवा विभाग में नहीं आती है। अगर आप किसी प्राइवेट मेडिकल स्टोर से उपलब्ध करा दें तो हम भैंस का उपचार कर सकते हैं नहीं तो हमारे पास किसी भी प्रकार की दवा उपलब्ध नहीं है। बाद में श्री शुक्ला के द्वारा नजदीकी पिता श्री मेडिकल स्टोर भठवा से #Duraprogen 3ml की दवा मगाई गई एवं भैंस को लगवाई गई।
चिकित्सा अधिकारी ने ले ली अपनी फीस
वहीं घर पहुंचे चिकित्सा अधिकारी के द्वारा बिना किसी प्रकार की दवा किए ही अपनी फीस जमा करा ली गई एवं बताया गया कि अगर आप 1962 में पशुधन संबंधित किसी प्रकार की शिकायत दर्ज कराते हैं व सुझाव लेने के लिए फोन करते हैं औऱ हम आपके घर तक आते हैं तो हमें 100 ₹आपको देना ही पड़ेगा हम कुछ दावा करें या न करें उससे कोई मतलब नहीं है।
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