कमलनाथ जी परिवहन चौकियों पर अवैध बसूली करने बाले इस माफिया को कब खत्म करेगें?
भोपाल
कमलनाथ ने यूं तो मध्यप्रदेश से हर प्रकार के माफिया राज के खत्मा करने के सक्त निर्देश दिए मगर बर्षो से मध्यप्रदेश में राजनैतिक संरक्षण में पनपने बाले राज्य की सीमायों पर स्थापित परिवहन विभाग परिवहन चौकियों पर से गुजरने बाले वाहन चालकों से वहां तैनात अधिकारियों कर्मचारियों एवं इनके अधिकारियों के द्वारा पोषित निजि लाठौतों के द्वारा जिस प्रकार से अवैध बसूली कर सरकारी खजाने को मिलने बाले करोडों के राजस्व को चूना लगाकर अपनी तिजोरियां में पंहुचाने काम किया जाकर आलीशान भवनों, होटलों के साथ - साथ बसों, ट्रकों के कारोबार को धडल्ले से संचालित किया जाता है? पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के शासनकाल में तो परिवहन चौकियों पर पुलिस विभाग से प्रतिनियुक्ति जाने के नाम पर अनेकों जनप्रतिनिधियों के चक्कर लगाते थे?जिससे जनप्रतिनिधियों की भी कमाई का अच्छा खासा जरिया होता था? मगर अब पुलिस विभाग से परिवहन विभाग में प्रतिनियुक्ति पर भेजने की परंपरा समाप्त कर दी गई। उसकी जगह अब परिवहन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को ही इन परिवहन चौकियों पर भेजने की प्रथा की शुरुआत हो जाने के साथ ही विभाग में ही इन चौकियों पर पदस्थापना दिलाने बाला माफिया पनपने गया? विभाग सक्रिय इस माफिया ने जनप्रतिनिधियों की जगह लेकर कमाई बाली चौकियों पर पदस्थापना दिलाने का कारोबार फलफूल ने लगा जिसकी थोडा झलक हाल ही में परिवहन आयुक्त व्ही मधुकुमार के द्वारा चौकियों पर की गए स्थानांतरण सूची में दिखाई दी?जिसमें राज्य की अवैध कमाई के लिए हमेशा चर्चाओं में रही शिवपुरी जिले की सीमा पर स्थापित सिंकदरा परिवहन चौकी पर जिस अधिकारी की पदस्थापना की गई उसको लेकर विभाग में तरह तरह की चर्चाएं लोग चटखारे लेकर करते नजर आ रहे हैं। उक्त अधिकारी के बारे में व्याप्त जिस तरह की चर्चाएं व्याप्त हैं उनके अनुसार उक्त अधिकारी की सेवानिवृत्त होने के सात आठ माह बचे हैं? तो मैडिकल में अनफिट होने के साथ ही तीन बार उक्त अधिकारी ने बाइपास कराने के बाद भी उक्त अधिकारी का मोह कमाई बाली शिवपुरी जिले की सिंकदरा पर जाने के लिए सत्तारूढ़ दल के विधायक और पूर्व मंत्री की सिफारिश से लगाने से लेकर विभाग में सक्रिय स्थानांतरण माफिया में घुसपैठिया करके आखिर अवैध बसूली की कमाई के लिए सुर्खियों में रहने बाली वह परिवहन चौकी सिंकदरा पर पदस्थापना करवाने सफलता हासिल कर ली जिस चौकी पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के शासनकाल में दतिया जिले की तत्कालीन कलेक्टर एवं प्रभारी प्रमुख सचिव की गाडियां अचानक रुक जाने के बाद मची अफरातफरी के चलते वहां रखे गमलों और अखबार की रद्दी ने लाखों रुपए उगले थे। शिवपुरी जिले की सिंकदरा परिवहन चौकी की अवैध बसूली की कमाई कमाई के एक नहीं अनेकों मामले सुर्खियों रहे हैं। प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री उमा भारती के शासनकाल की भी एक घटना भी काफी चर्चाओं रही हैं। शायद अपनी सेवानिवृत्त के निकट समय होने के बावजूद भी बाथम नहीं त्याग पाए? वैसे बाथम को लेकर विभाग में तरह तरह की चर्चाएं लोग चटखारे लेकर करते नजर देखे जा रहे हैं? तो अनेकों अधिकारियों और कर्मचारियों के शैक्षणिक योग्यता और जाति प्रमाण-पत्रों को लेकर विभाग में रोचक चर्चाएं व्याप्त हैं? विभाग में जारी चर्चाएं पर यदि भरोसा करें तो बर्षो तक जोडतोड और सत्ताधारी नेताओं की सिफारिशों की बदौलत अपनी सेवाकाल के अधिकांश समय तक हमेशा अवैध बसूली की कमाई बाली परिवहन चौकियों पर पदस्थ रहने बाले अधिकारियों और कर्मचारियों की संपत्ति की जांच किसी निष्पक्ष एजेंसी से जांच करवाई जाए तो विभाग के उन अधिकारियों और कर्मचारियों की अवैध कमाई बाली चौकियों पर पदस्थापना के मोह का भी खुलासा हो जाएगा? वैसे प्रदेश के कमाई बाले परिवहन एवं आबकारी विभागों में अपने चहते अधिकारियों की पदस्थापना कराने बाले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह जिन्होंने पिछले दिनों राज्य की बीस बर्षो में बनने बाली कम्पनियों की जांच करवाने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखा यदि वह पिछले बीस बर्षो तक राज्य की सीमायों पर स्थापित परिवहन चौकियों पर तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों की संपत्ति की जांच करवाने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर जांच करवाने की मांग करदें? तो उन्हें अपने शासनकाल की वह घटना भी स्मरण हो आएगी जब वह मुख्यमंत्री थे तब उनसे उनके ही एक गनमैन के द्वारा परिवहन विभाग में प्रतिनियुक्ति पर भेजने का आग्रह करने पर उसे परिवहन विभाग में भेज दिया था, उसके चन्द्र दिनों बाद वही गनमैन दिग्विजय सिंह के सामने आकर विधानसभा चुनाव कांग्रेस का उम्मीदवारी बारी के लिए टिकट मांगे मुख्यमंत्री निवास आ धमका था। तब दिग्विजय सिंह ने नाराज होकर उसे मुख्यमंत्री निवास से बाहर का रास्ता दिखाया था। यह अलग बात है कि बाद में उक्त गनमैन की होनहार पुत्र ने अपने पिता की परिवहन चौकियों पर से कमाई को ठिकाने लगाने को लेकर विभाग में तरह तरह की चर्चाएं लोग चटखारे लेकर करते नजर आते हैं? मुख्यमंत्री कमलनाथ की वैसे परिवहन विभाग के एक नहीं अनेकों अधिकारियों और कर्मचारियों के विभाग की कमाई बाली चौकियों की कमाई के किस्से भी काफी रोचक हैं? तो इसी विभाग के वाहन चालक के यहां लोकायुक्त के पडे छापे के दौरान करोड़पति निकालने की खबरें भी खूब सुर्खियों रही? तो अनेकों के बर्बादी की दास्तान भी विभाग में चर्चाएं भी कुछ कम नहीं हैं? यही वह कारण है जिसके चलते बाथम जैसे अधिकारी अपनी सेवाकाल के कुछ ही माह शेष होने के बाद भी सिंकदरा परिवहन चौकी पर पदस्थापना का मोह पाले हुए हैं? यदि मुख्यमंत्री कमलनाथ जी मध्यप्रदेश से हर तरह के माफियाओं का खत्मा करने की मंशा सही नियत से है तो तमाम माफियाओं की तरह परिवहन विभाग की चौकियों पर होने बाली अवैध बसूली की कमाई के खिलाफ भी अन्य माफियाओं की तरह इन परिवहन चौकियों पर बर्षो तक तैनात रहने बाले अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ - साथ इनके द्वारा पोषित निजि लाठौतों के खिलाफ किसी निष्पक्ष एजेंसी जांच करवाने के बाद जहां इन माफियाओं की करोडों की संपत्ति का तो खुलासा होगा जिससे मध्यप्रदेश के खाली खजाने को करोडों का राजस्व भी प्राप्त होगा? इस तरह को कार्रवाई करवाने से सरकार की बार - बार कर्ज लेने की समस्या से मुक्ति मिलेगी साथ ही सरकार के बार - बार कर्ज लेने से प्रदेश की धरती पर पैदा होने बाला बच्चा अपने जन्म के साथ ही सरकार के द्वारा लिए जाने बाले कर्ज के कारण बिना कर्ज लिए कर्जदार बनाने से बच जाएंगा? मगर मुख्यमंत्री कमलनाथ से इस परिवहन चौकियों पर अवैध बसूली करने बाले माफिया की कमाई के दबदबे के चलते इस माफिया का खत्मा करने की तो दूर की बात है? इस परिवहन चौकियों पर से गुजरने बाले वाहन चालकों से अवैध बसूली करने बाले माफिया के खिलाफ किसी निष्पक्ष एजेंसी से जांच करवाने की बात तो छोडिए परिवहन चौकियों पर बर्षो तक तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों के शैक्षणिक योग्यता प्रमाण - पत्रों और जाति प्रमाण - पत्रों की भी यदि जांच करवालें तो यह भी खुलासा हो जाएगा कि चौकियों पर तैनात का मोह पालने बाले इन अधिकारियों और कर्मचारियों ने फर्जी शैक्षणिक योग्यता प्रमाण - पत्रों और जाति प्रमाण - पत्रों के आधार पर शासन और विभाग को करोडों का चूना लगाने के साथ - साथ करोडों अरबों की अवैध संपत्ति के मालिक कैसे बने हैं? लेकिन जिस मुख्यमंत्री कमलनाथ के मंत्रिमंडल के सदस्यों पर उनके ही दल के विधायक लिफाफे बाली संस्कृति पनपाने का आरोप लगाते हो? उस सरकार से तमाम माफियाओं की तरह परिवहन चौकियों फर अवैध बसूली की कमाई करने बाले माफिया को खत्म करना आसान नहीं है?
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