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गरीब लड़कियों को लालच देकर शासकीय अधिकारियों के वीडियो बनवाए थे

पहले ब्यूटी पार्लर में होती थी तैयार  फिर बड़े लोगों के पास जाती थी लड़कियां


 


मध्य प्रदेश में हनीट्रैप को लेकर जो नए खुलासे हो रहे रहे हैं वो बहुत ही चौकाने वाले हैं। हनीट्रैप के लिए लड़कियों को किसी बड़े आदमी के पास भेजने से पहले ब्यूटी पार्लर में तैयार करवाया जाता था। ब्यूटी पार्लर संचालिका से कहते थे कि लड़के वाले देखने आने वाले हैं, इसलिए इसे अच्छी तरह से तैयार करना। आरोपित सरगना श्वेता विजय जैन अधिकारियों और राजनेताओं के सिर्फ अश्लील वीडियो ही रिकॉर्ड नहीं करती थी अपितु वह इन लोगों के साथ हुई मुलाकातों की रिकॉर्डिंग भी सहेजती थी। उसे अधिकारियों से मिलने जाना होता था तो वह खुफिया कैमरा लगा जैकेट पहनकर जाती थी जिससे अधिकारियों और नेताओं से हो रही बातचीत (डील) का वीडियो बना सके।
यह बात हनीट्रैप मामले में जिला कोर्ट में पेश चालान में सामने आई है। चालान में पेश धारा 27 के एक मेमो में आरोपित आरती दयाल खुद स्वीकार रही है कि उसने, उसकी साथी श्वेता पति विजय, बरखा सोनी, श्वेता स्वप्निल जैन ने कई गरीब लड़कियों को लालच देकर शासकीय अधिकारियों के वीडियो बनवाए थ। श्वेता विजय जैन इस गिरोह को संचालित करती थी। नेताओं और अधिकारियों के वीडियो श्वेता लैपटॉप में सहेजती थी। श्वेता के पास एक जैकेट (टॉप) भी था जिसमें कैमरा लगा होता था। इस जैकेट को श्वेता अपनी अलमारी में रखती थी।
वाशरूम में कांच से हाथ काट जांच प्रभावित करना चाहती थी श्वेता
पूछताछ के दौरान आरोपित आरती दयाल, श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल जैन और बरखा सोनी ने जांच से बचने का प्रयास भी किया। कभी बीमारी का बहाना बनाया तो कभी बेहोश होने का नाटक किया। कभी अपने उच्च संपर्कों का हवाला दिया। 29 सितंबर 2019 को तो श्वेता विजय जैन ने वाशरूम में जाकर दरवाजा भीतर से बंद कर लिया था। उसने एसआईटी पर दबाव बनाने के लिए वाशरूम में खुद को कांच से जख्मी कर लिया था। एसआईटी महिला सहायकों ने तत्काल उसे कब्जे में लेकर कांच छुड़ाया था। हालांकि चोट बहुत ही मामूली और दिखावटी थी जो सिर्फ डराने के लिए थी।
मोबाइल में भी खास कैमरा रखती थीं आरोपित
पुलिस की पड़ताल में यह बात भी सामने आई है कि श्वेता जैन मोबाइल में खास कैमरा भी रखती थी। यह कैमरा मोबाइल के कवर में इस तरह से लगा होता था कि पहली बार में नजर नहीं आता था। मोबाइल टेबल या किसी सतह पर इस तरह से रखा जाता था कि नजर पड़ने पर भी यह अहसास नहीं होता था कि वह चालू है और उसमें रिकॉर्डिंग हो रही है।
व्यापारियों और उद्योगपतियों को भी बनाती थी निशाना
श्वेता विजय जैन और उसके गिरोह के सदस्य सिर्फ अधिकारियों और नेताओं को ही नहीं अपितु व्यापारियों और उद्योगपतियों को भी निशाना बनाते थे। श्वेता जैन जरूरतमंद महिलाओं को मोबाइल देकर व्यापारियों और उद्योगपतियों के पास भेजती थी। बाद में उनसे मोबाइल वापस लेकर उन्हें 10-15 हजार रुपए तक दे देती थी। चालान में भोपाल की मीनाल रेसीडेंसी निवासी प्रीति सिंह के कथन हैं। वह पुलिस को बता रही है कि श्वेता विजय जैन ने उसे गोलू रिछारिया नामक व्यक्ति के पास भेजा था। जो सागर में ठेकेदार है। श्वेता ने रिछारिया के पास भेजने से पहले उसे एक मोबाइल दिया था जिसे उसने ऑन करके टेबल पर रख दिया था। करीब 15 मिनट वह गोलू के पास रही। होटल के कमरे से बाहर निकलते ही श्वेता ने मोबाइल वापस ले लिया था। प्रीति सिंह ने पुलिस को यह भी बताया कि इसके तीन-चार साल पहले भी वह श्वेता के कहने पर दवा कारोबारी जयपाल सचदेवा के पास गई थी। जाते समय श्वेता ने सफेद रंग का मोबाइल वीडियो बनाने के लिए दिया था। मोबाइल कमरे में कैसे रखना है, यह भी श्वेता ही बताती थी।
जिनके वीडियो सामने आए, उनसे पूछताछ ही नहीं की
हनीट्रैप मामले की चर्चा पूरे प्रदेश में है। इतना गंभीर मामला होने के बावजूद कोर्ट में पेश चालान में प्रथम दृष्ट्या कई खामियां नजर आ रही हैं। जिन महिलाओं के अंतरंग वीडियो सामने आए हैं, पुलिस ने उन्हें आरोपित ही नहीं बनाया। इतना ही नहीं, जिन बड़े लोगों के वीडियो बनाए गए थे, पूरे चालान में उनका कहीं उल्लेख नहीं है। पुलिस ने उनके बयान तक नहीं लिए। गवाहों की सूची में भी कुछ ऐसे लोग शामिल हैं जो वर्षों से अलग-अलग प्रकरणों में पुलिस की तरफ से गवाही दे रहे हैं और पुलिस के स्थायी गवाह हैं। बड़ी ग्वालटोली निवासी जिस अर्जुन वर्मा को पुलिस ने हनीट्रैप मामले में गवाह बनाया है, वह इसके पहले भी 8-10 मामले में पुलिस की तरफ से गवाही दे चुका है।


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