*रीवा जिले के हनुमना जनपद क्षेत्र अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत देवरा सरपंच रचना सिंह भ्रष्टाचार में लिप्त*
*✍रीवा से प्रद्युम्न शुक्ला की रिपोर्ट✍*
*ग्राम पंचायत सरपंच के नए-नए भ्रष्टाचार से परेशान है ग्रामवासी प्रशासन है मौन*
*ग्राम पंचायत देवरा का विकास कागज के पन्नों में सीमित विकास के नाम से लाखों के फर्जी बिल भुगतान*
*ग्राम पंचायत देवरा के सरपंच रचना सिंह सचिव ग्राम वासियों को कर रहे खोखला*
*रीवा जिले के हनुमना जनपद क्षेत्र अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत देवरा सरपंच रचना सिंह भ्रष्टाचार में लिप्त
*सचिव निर्मल कुमार रावत एवं उपयंत्री कि मिली भगत से सर कारी खजाने का खूब किया जा रहा बंदरबांट*
हम आपको बता दें कि पीसीसी सड़क एवं बाउंड्री वाल तथा हैंडपंप के संधारण के नाम पर मनमानी तरीके से फर्जी बिल लगा कर सरकारी राशि का मनमानी तरीके से आहरण किया जा रहा है
*इस ग्राम पंचायत की कहानी कुछ ऐसी है जैसे अंधेर नगरी चौपट राजा*
आप लोग भी सुने होगे अंधेर नगरी चौपट राजा की कहानी है ठीक वही स्थिति सामने नजर आ रही है देखा गया है कि सरपंच रचना सिंह के नाम पर बने सरपंच प्रतिनिधि के द्वारा बेफिक्र होकर मनमानी तरीके से सरकारी खजाने की राशि को 4 चौपट कर करते जा रहे है जो भी कार्य ग्राम पंचायत में कराएं जा रहे हैं उसमें शासन के नियमो की उड़ाई जा रही धज्जियां
*क्यू कि जनपद CEO भ्रष्टाचार की निद्रा में सो रहे*
और उपयंत्री सरपंच सचिव एवं जीआरएस इन चार की चौकड़ी शासन के नियमों की धज्जियां उड़ाते जा रहे और आला अधि कारियों की जब निद्रा खुलती है तब तक शेयर सेट रहता है
और फिर कागज के पन्नों में फर्जी जॉच भी हो जाती है और फिर शिकायत की फर्जी जांच हो जाती है और रिपोर्ट बनती है किस शासन के नियमों के अनुसार कार्य कराया जा रहा जांच कर्मचारी की ऐसी होती है कहानी
*हम बात कर रहे है*
*जब सैंया भए कोतवाल तो डर काहे का*
हनुमना जनपद में जब से जनपद सीईओ की बागडोर हरीश चंद्र द्विवेदी ने थामी है तब से लेकर आज तक कितने भ्रष्टाचार हुए है इसका अंदाजा जांच के उपरांत ही सामने आएगा और लाखों की फर्जी बिलिंग भी हुई होगी
सबसे बड़ी बात तो यह है कि कहने को तो बड़ा अच्छा नाम है हरीश चंद्र द्विवेदी लेकिन इनका कार्य भ्रष्टाचार करते जाओ हम हैं देख लेंगे जब इनका ऐसा कहना होगा तभी तो
सरपंच और सचिव के इतने हौसले बुलंद है की आदमी सोच ही नहीं सकता इनके मन में डर है ही नहीं तभी तो लगता है ऐसे तो नहीं हो सकते अधिकारियों का हाथ इनके सर पर रखा है
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