*दीपक गुप्ता
💥रीवा बड़ी खबर💥*
*●प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना मे फार्जीवाडा सेक्टर मे तैयार
*●नईगढ़ी जनपद मे समाने आया मामला जिला कार्यक्रम अधिकारी जांच अनुशंसा*
तीन किस्त मे दी जाने वाली पांच हजार की राशि एक मुश्त एक मुक्त मे हो रह्
रीवा। गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य का ख्याल रखने के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना भी फर्जीवाड़े की भेंट चढ़ती जा रही है। जिले के कई हिस्सों से शिकायतें महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों के पास पहुंची हैं कि दलालों के माध्यम से ऐसी महिलाओं के नाम पर भी राशि जारी की जा रही है जो योजना की शर्तों के तहत पात्र नहीं हैं।
केन्द्र सरकार द्वारा शुरू की गई इस महत्वाकांछी योजना में भ्रष्टाचार की शिकायतों के बाद अधिकारियों की नींद उड़ा दी है। अब तक मैदानी अधिकारियों द्वारा जो प्रस्ताव भेजे जाते थे, उसका बिना परीक्षण कराए सीधे भुगतान किया जाता रहा है। जिला कार्यक्रम अधिकारियों ने उन स्थानों की पूरी रिपोर्ट मंगाई है, जहां पर शिकायतें आई हैं कि मनमानी रूप से भुगतान किए जा रहे हैं। इसके हितग्राहियों का सत्यापन भी कराया जाएगा।
बताया गया है कि यह योजना काम करने वाली महिलाओं की मजदूरी के नुकसान की भरपाई करने के लिए मुआवजा देने और उनके उचित आराम और पोषण को सुनिश्चित करने के लिए लागू किया गया है। पूर्व में सर्वे रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि कामकाजी महिलाएं गर्भावस्था के दौरान अपने स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रख पाती, जिससे उनके और बच्चे के स्वास्थ्य पर असर पड़ता है।
*पहली गर्भवती महिला के लिए है योजना*
प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं के लिए लागू की गई है। जो शिकायतें आई हैं, उसमें कई ऐसे नामों का भी उल्लेख किया गया है जिनके पहले से संतानें हैं। विभाग को मिली शिकायतों में कहा गया है कि गांवों में दलालों के माध्यम से हितग्राहियों के फार्म भराए जा रहे हैं। जिसमें आगनबाड़ी केन्द्रों से सहमति के बिना ही सेक्टर सुपरवाइजरों के सहयोग से प्रस्ताव भेजा जा रहा है। इसमें जिला कार्यालय के भी कुछ कर्मचारियों की भूमिका पर सवाल उठाया गया है।
*किस्तों के बजाय एकमुश्त राशि का भुगतान*
योजना के तहत पहली किस्त एक हजार रुपए गर्भावस्था के पंजीकरण के समय, दूसरी किस्त दो हजार रुपए की छह महीने के गर्भावस्था के बाद से प्रसव होने के मध्य तक एवं तीसरी किस्त दो हजार रुपए बच्चे के जन्म के बाद जब बीसीजी, डीपीटी आदि के टीके लगाए जाते हैं उस दौरान भुगतान किए जाने का प्रावधान है। यहां पर फार्म भरने के बाद पांच हजार रुपए की राशि एक मुश्त भुगतान की जा रही है। यह राशि महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों के सत्यापन के बाद जारी हो रही है, इसलिए उनकी कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना में किसी एक गांव या क्षेत्र ही नहीं बल्कि जनपद के कई हिस्सों से शिकायतें आई हैं कि मनमानी भुगतान किया जा रहा है। इसलिए विभाग के अधिकारियों से इसकी जांच कराने के लिए कहा है।
*नृपेन्द्र सिंह*, उपाध्यक्ष जनपद नईगढ़ी
नईगढ़ी से शिकायत आई है, इसलिए पहले सभी सेक्टरों से हितग्राहियों का सत्यापन कराया जा रहा है। यदि नियम विरुद्ध लाभ पहुंचाया गया है तो संबंधितों पर कार्रवाई होगी। जहां से भी शिकायतें आ रही हैं, सब की जांच होगी।
*प्रतिभा पाण्डेय*, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास
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