*आरक्षक अभय यादव के आतंक से परेशान स्टाफ स्वयं ही अपने ट्रांसफर की दे रहे अर्जियां*_
हनुमना__लगातार 26 जून 2015 से पिपराही चौकी में पदस्थ आरक्षक अभय यादव 485 हनुमाना थाने में रहकर जहां अभी तक जुआ, सट्टा, कोरेक्स आदि मादक पदार्थों के तस्करों, गाय, बैल, भैंस, बकरीयों के अवैध परिवहन करनेवाले कसाइयों, रेत, गिट्टी, पटिया_ पत्थर के अवैध परिवहन कर्ताओं आदि से मिलकर मोटी रकम वसूल कर उसका 60% भाग आला अफसरों तक पहुंचाने के लिए जहां अभी तक मशहूर था। अब उसका हौसला इस कदर बुलंद हो गया है कि
हनुमना थाने के स्टाफ के ही लोग परेशान होकर स्वयं ही अपने ट्रांसफर की अर्जियां एसपी व एडिशनल एसपी को देना चालू कर दिए हैं। उल्लेखनीय है कि विगत महीनों में पुलिस विभाग के आरक्षकों प्रधान आरक्षकों से लेकर टीआई व अधिकारियों तक के ट्रांसफरों की लिस्टें जारी हुई किंतु उपरोक्त अनैतिक गतिविधियों में संलिप्त अभय यादव 485 का अनेक शिकायतों व समाचार पत्रों एवं सोशल मीडिया आदि में भी प्रकाशन के बावजूद आज तक इसे निलंबित करना तो दूर ट्रांसफर तक नहीं किया गया जो सिद्ध करता है कि निश्चित ही इसके द्वारा वसूली गई अवैध कमाई की राशि का 60% हिस्सा एसडीओपी से लेकर एडिशनल एसपी, एसपी, आईजी महोदय तक पहुंचता है यही कारण है कि नीम चढ़ी करेली की भांति थाने में अपने आप को गुंडा समझता है और यदि इसकी मनमानी न चली और इसके मन की राशि न दी गई तो उसकी खैर नहीं मौका पाते ही किसी भी फर्जी मुकदमे में उसे घसीट देता है,क्योंकि कंप्यूटर ऑपरेटर का कार्य यही करता है।
हद तो तब हो गई जब गत दिवस एक सहायक उपनिरीक्षक जोकि उम्र दराज होने के साथ ही शासन की मंशा अनुरूप हनुमना क्षेत्र के सैकड़ों ऐसे अनसुलझे विवादों को भी थाने पहुंचते ही केस रजिस्टर्ड होने के पहले प्रयास कर दोनों ही पक्षों को इस कदर समझाया कि दोनों ही समझौता कर गले मिलकर हंसी खुशी घर चले जाते हैं ऐसे लोकप्रिय सहायक उपनिरीक्षक को भी अपने रकम ऐंठने के धंधे में बांधा समझकर उनसे भी उलझ पड़ा।
सूत्रों की माने तो उपरोक्त सहायक उप निरीक्षक ने इसे अपनी बेइज्जती मान और अधिकारियों के इसके ऊपर इतनी बड़ी मेहरबानी को देखकर स्वयं ही अपने ट्रांसफर की अर्जी उच्चाधिकारी को दे डाली है।
इधर हनुमना का शांतिप्रिय व्यवसाई समाज, ब्राह्मण समाज हो या फिर सवर्ण जातियों में आने वाला कोई भी व्यक्ति इसके चंगुल में फंसा तो उसकी खैर नहीं सवर्णो का तो मानो यह जानी दुश्मन ही बन चुका है। इसके आतंक से परेशान होकर हनुमना थाने के स्टाफ के जिन लोगों ने अपने ट्रांसफर की अर्जियां दी है वे सभी भी सवर्ण जातियों के लोग हैं। इधर अनेक सामाजिक स्वयंसेवी व राजनीतिक संगठनों से जुड़े लोगों ने भी उक्त आरक्षक के आतंक के विरुद्ध शंखनाद करते हुए अनशन, प्रदर्शन व आंदोलन की चेतावनी देते हुए कहा है कि 1 हफ्ते के अंदर ऐसे भ्रष्ट आरक्षक को निलंबित नहीं किया गया तो उग्र आंदोलन व प्रदर्शन किया जाएगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की होगी। आंदोलन की चेतावनी देने वाले प्रमुख लोगों में सवर्ण समाज पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष ब्रह्म दत्त मिश्र ,न्यायिक युवा शक्ति के अध्यक्ष सुमित गुप्ता, भाजपा पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के मंडल अध्यक्ष राम दिनेश पटेल, वैश्य महासभा के तहसील अध्यक्ष व समाजसेवी रामनिवास गुप्ता, अधिवक्ता संघ के एडवोकेट राजेंद्र तिवारी के साथ ही संयुक्त संजीव पत्रकार महासंघ के पत्रकारों ने भी इसके विरुद्ध आंदोलन की राह अपनाने की चेतावनी दे डाली है। देखना है पुलिस के आला अफसर ऐसे भ्रष्ट आरक्षक पर मेहरबान रहते हैं या आंदोलन के लिए जनता जनार्दन को बाध्य करेंगे।
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