Rewa mauganj✍
*🛑*धड़ल्ले से फल-फूल रहा मऊगंज में नशे का कारोबार**
*➡*युवाओं को अपराध के दलदल में धकेलने व अपराध को बढ़ावा देने का काम कर रहे प्रशासन के जिम्मेदार सब जानते हुए भी नहीं होती कार्यवाही**
मऊगंज-अब जबरदस्त हर तरफ नशे की जद में आया मऊगंज भी नशे की लत से जूझ रहा है। जिससे नशे के जाल में जकड़े युवाओं का रुख आपराधिक गतिविधियों की ओर लगातार बढता जा रहा है।
सबसे ज्यादा मऊगंज शॉपिंग काम्प्लेक्स बस स्टैंड यात्री प्रतीक्षालय, विश्राम गृह,आदर्श स्कूल, सिविल अस्पताल के इर्दगिर्द में देखे जा सकते है वहां से प्राप्त हुई इंग्जेक्शन व नशा करने वाली दवाइयों की शीशियां एवं सुन्दरपुरवा तालाब पुरानी तहसील शिव पार्वती मन्दिर के आसपास ताश की गड्डी के पत्ते यह प्रमाणित कर रहे है कि नशेड़ियों एवं जुआरियों का अड्डा बन चुका है।
आज स्थिति है की क्षेत्र में तथा क्षेत्र की स्लिम बस्तियों के कोने- कोने में नशे के कारोबार फैले हुए है और युवाओं को इस दलदल में धकेल रहे है।पुलिस को भी इस तरह फल फूल रहे कारोबार की जानकारी है लेकिन उसकी भी इस खतरनाक जहर के कारोबार में एक सुनिश्चित हिस्सेदारी रहती है। नशीली दवाइयों का नशे के रूप में इस्तेमाल लगातार बढ़ता जा रहा है। सबसे बड़ी बात तो यह है की कुछ मेडिकल स्टोर भी बगैर डॉक्टर पर्चे के नशीली दवाइयां बेखौफ बेच रहे हैं। ये सब जानते हुए भी ड्रग विभाग इस दिशा में ज़रा भी गंभीरता नहीं दिखा रहा है। विभाग की इसी ढुल-मुल कार्यशैली के चलते दवाई विक्रेता प्रतिबंधित दवाओं यानी ड्रग्स का बेधड़क अंदाज़ से बिक्री कर रहे हैं।खांसी की दवाई के रूप में प्रयोग होने वाली दवाइयां नशे के लिए प्रयोग की जा रही है। नशे के दलदल में फंसने वाले युवा फैंसीड्रिल, कोरैक्स के साथ ही अन्य कई कफ सिरप तथा नशे के लिए प्रयुक्त होने वाली दवाइयों का सेवन कर अपने नशे की तलब पूरी कर रहे हैं नशे के एजेंट दुकानों की आड़ में दवाओं का जखीरा सप्लाई कर रहे हैं। जितनी तेज रफ्तार की रेलगाड़ियां रेल मार्ग पर सरपट दौड़ रही है, उतनी ही तेजी से तस्करी का कारोबार भी खासा पनप रहा है। औषधि एवं प्रसाधन साम्रगी अधिनियम 1940 अनुसार नशे के रूप में दुरुपयोग होने वाली औषधियों का क्रय-विक्रय एवं नशे के कारोबार को बढ़ावा देने के लिए दोषी पाए जाने वाली फर्मों के विरुद्ध औषधि एवं प्रसाधन साम्रगी अधिनियम 1940 एवं नियमावली 1945 के तहत प्रभावी कार्यवाही करते हुए उनके मूल औषधि अनुज्ञापत्रों में नशे के प्रयोजन वाली निम्न घटक युक्त औषधियां की अनुमति नहीं है। अगर ऐसी कुछ गतिविधियां पाई जाती है फिर भी उचित कार्रवाई क्यों नही होती है इस बारे में ए एस पी मऊगंज गोपाल खांडेल से बात करने पर उन्होंने कहा कि पुलिस नशे की रोकथाम के लिए लगी हुई है किंतु इसमें मऊगंज के जन प्रतिनिधि एवं समाजसेवियों का सहयोग भी आवश्यक है जिससे नई पीढ़ी को नशे की ओर जाने से रोका जा सके।
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