"हनुमना" रीवा
*हनुमना पुलिस ने किया अंधी हत्या का पर्दाफाश पत्नी ने ही प्रेमी से कराई थी हत्या।*-
-*हनुमना*- विगत 9 अक्टूबर से लापता सीधी जिले के कमर्जी थाना अंतर्गत ग्राम अदयपुर निवासी 25 वर्षीय कमल नारायण सिंह गोंड़ पिता बुद्धसेन सिंह गोंड़ की अंधी हत्या का पर्दाफाश लाश मिलने के 4दिन के अंदर करने मे हनुमना पुलिस ने जहां सफलता प्राप्त की है वही मृतक की पत्नी ने ही प्रेमी से मिल कर उसकी हत्या का बुना था जाल।
*पति के जब तक नहीं उड़ गए प्राण पखेरू तब तक फोन पर रही कांटेक्ट में*
उल्लेखनीय है कि मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर हनुमना थाना के हाटा चौकी क्षेत्र अंतर्गत ग्राम जड़कुड़ पहाड़ी पर विगत 14 तारीख को सुबह 10:00 बजे एक युवक की लाश पड़ी होने की सूचना जैसे ही हनुमना पुलिस को मिली थाना प्रभारी जयन्त अगलावे, सब इंस्पेक्टरों क्रमशः आरके जायसवाल व संग्राम सिंह सहायक उप निरीक्षक क्रमशः अननंतमिश्रा व जी एस मिश्रा तथा आरक्षक सोनू सिंह एवं जयप्रकाश तिवारी वअर्चना सिंह की टीम गठित कर टीम के साथ
घटनास्थल की ओर रवाना हो गए घटनास्थल पर पहुंचते ही आसपास के ग्रामीणों एवं कमल नारायण सिंह की पत्नी समेत अन्य परिजनों को भी बुलाकर लाश की शिनाख्त 9अक्टूबर से लापता कमल नारायण सिंह गोंड़ के रूप में की गई। पुलिस ने जिस का पंचनामा तैयार कर 15 तारीख को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हनुमना में पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया। इधर पुलिस अंधी हत्या की गुत्थी सुलझाने में जुट गई और परिजनों तथा ग्रामीणों से पूछताछ के साथ ही मृतक की पत्नी 22 वर्षीय पार्वती सिंह गोंड़ से भी पूछताछ की एवं उसके मोबाइल की कॉल डिटेल निकाल कर संदेह के आधार पर पत्नी से जब कड़ाई से पूछताछ की गई थोड़ी ही देर में राज उगलते देर नहीं लगा और उसने बताया कि उसी ने ही अपने पति कमल नारायण सिंह की हत्या अपने प्रेमी शिवकुमार सिंह गोंड़ एवं उसके साथी संतोष सिंह गोड़ से करवाईं है। *तीन माह शिवकुमार के घर थी पार्वती*=पार्वती ने यह भी बताया कि वह अपने पति से संतुष्ट नहीं थी और रिश्ते का चचेरा भाई शिवकुमार से उसके अवैध संबंध थे जिसके चलते वह जनवरी से मार्च तक अपने पति कमल नारायण सिंह को छोड़कर शिवकुमार के साथ रहने लगी थी वही सामाजिक दबाव व समझौते के चलते पुनः अपने पति मृतक कमल नारायण के साथ विगत माह चली आई थी लेकिन उसका प्रेम प्रसंग शिवकुमार के साथ चलता रहा। और उसने स्वयं नहीं शिवकुमार से कह कर कमल नारायण की हत्या कर उसे रास्ते के कांटे को हटाने की बात कहीथी। उसने यह भी कबूल किया कि यद्यपि शिवकुमार ने यह भी कहा था कि हत्या के बाद पकड़े गए तो बहुत मार पड़ेगी लेकिन मैंने ही कहा था कि मैं कबूलूंगी ही नहीं कि मैंने मरवाया है या इसकी हत्या हुई है। अपने पति को अपने मायके गदहखुर्द जिला रीवा छूटे हुए कपड़े लेने भेज कर रास्ते में ही मार देने का प्लान बनाया।
पत्नी का भाई भी हत्या में रहा शामिल ल
इधर हत्या का आरोपी शिवकुमार अपने एक दोस्त संतोष सिंह गोंड़ पिता लाल बहादुर सिंह ग्राम बभना सरई जिला सीधी एवं दादू सिंह गोंड़ जो कि रिश्ते में मृतक का साला लगता था की मोटरसाइकिल से जड़कुड़ तक आए और और दादू को उसकी मोटरसाइकिल सौंप कर कहा रुकना हम लोग कुछ देर से आते हैं इधर शिव कुमार एवं संतोष सिंह पहाड़ी पर चढ़ने लगे संतोष सिंह की माने तो उसने बताया कि तब जाकर शिवकुमार ने बताया कि कमलनारायण की हत्या करनी है वही पत्नी पार्वती शतत मोबाइल पर लोकेशन देती रही हम लोग वहां छिपे बैठे थे जैसे ही हम लोगों को देखा वह भाग चला और मां की गाली देते हुए बोला साले मुझे मारने आए हो !पीछे से हम दोनों ने दौड़ा लिया और पकड़ कर लात घुसों से मार-मार कर उसका चेहरा बदरंग कर दिया तथा बाद में पत्थर से पटक कर मार डाला पार्वती के ही कहने पर उसके जूते छुपा दिए थे तथा पर्स को निकालकर अन्यत्र छुपा दिया था साथ ही मोबाइल भी स्वयं शिवकुमार ने ले लिए थे। और हत्या के बाद लौटकर दादू सिंह की ही गाड़ी से हम लोग वापस अपने अपने घरों को चले गए थे। इस प्रकार सभी आरोपियों को भा० द० वि ०की धारा302,201,120 bके तहत गिरफतार कर अंधी हत्या का पर्दाफाश हनुमना पुलिस ने 4 दिन के अंदर कर एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। *कमल नारायण सिंह गोंड़ नामक 25 वर्षीय युवक की लाश 14 तारीख को मिली थी उसकी पत्नी पार्वती का प्रेम प्रसंग सीधी जिले के 'बभना सरई' नामक गांव निवासी शिवकुमार सिंह गोंड़ नामक एक लड़के से काफी दिनों से चल रहा था जो जनवरी से मार्च 3 माह तक उसके साथ उसके घर में भी रही बाद में पुनः अपने ससुराल आ गई थी लेकिन उसका प्रेम प्रसंग जारी रहा पार्वती के ही कहने पर शिवकुमार व उसके साथी संतोष सिंह गोंड ने मिलकर जड़कुड़ पहाड़ी पर उसकी हत्या की थी इसके साथ ही दादू सिंह नामक युवक हत्यारों को अपनी मोटरसाइकिल से लाया था उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया है।*जयंत अगलावे। थानाप्रभारी हनुमाना*
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